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( >💜💜💜 Next ep पढ़ लो मेरे प्यारे यारों 🤗🤩
और थोड़ी देर में चारो नींद की गहराई में चले गए। अब आगे,,,,
सुबह 6:30 बजे
सुबह क्या भूचाल आने वाला था इससे बेखबर अभी भी सब सोए पड़े थे।
सिवाए सुनीता जी और हमारे सभी टीचर्स के ये सभी 6 बजे उठ कर वॉक आउट कर गार्डन में बैठे सुनिता जी के हाथ के बने गर्मा गर्म चाय का लुफ्त उठा रहे थे।
ज्ञानेद्रीय सर अपनी चाय खत्म कर बोले "ये नमूने अभी तक उठे नही"
तो उनकी बात का विरोध करते हुए विजेंद्र सर बोले "अरे उनकी छुट्टियां चल रही हैं सोने दीजिए ना क्यू उन बच्चो की छुट्टियां बर्बाद करने पर तुले हुए हैं आप?"
तो हमारे ज्ञानेद्रीय सर भी कहा कम थे सख्ती से
बोले "ऐसे सोकर वो खुद अपनी छुट्टियां बर्बाद कर रहे हैं आप ज्यादा उनको सर पर न चढ़ाए तो बेहतर होगा"
मोहिंता मेम ज्ञानेद्रीय सर का पक्ष लेते हुए बोली "मेरे ख्याल से ज्ञानेद्रीय सर सही है "
सुनिता जी भी बोली "मैं भी ज्ञानेद्रीय सर की बात से सहमत हु"
"सही कहा ऐसे में बच्चे बिगड़ते है आपको ध्यान रख कर उनपर प्यार बरसाना चाहिए" प्रिंसीबल सर भी उनकी बात पर सहमत जताए।
सबको ज्ञानेद्रीय सर की तरफ़ होते देख विजेंद्र सर अंदर ही अंदर ज्वाला जलजला बने उबल रहे थे। वो नफरत से ज्ञानेद्रीय सर को घूरने लगे तो वही ज्ञानेद्रीय सर कुटिल मुस्कान देते हुए मुंह फेर लिए।
और यहां मस्ती के रूम में पांचों लड़के चादर तान कर सोए हुए थे की उत्साह ने चादर खींचा तो राहुल भी अपनी तरफ़ खींचा क्युकी ये दोनो बेड के किनारे किनारे साइड सोए थे। और मखमली चादर सिर्फ एक ही था और उन्हें बराबर मात्रा में फिट हो रहा था लेकिन उत्साह की खींचा तानी से बराबरी का शब्द लाइन से आउट हो गया वही बाकी तीनों आराम से इन दोनों के बीच में सोए थे।
लेकिन उन दोनों की खींचा खींची में इन तीनों की नींद भंग हो रही थी तो तीनों भी हाथ पैर मारने लगे जिससे उत्साह और राहुल बेड से नीचे मुंह के बल गिर पड़े।
वो दोनो झल्ला गए और एक दूसरे पर बीना ध्यान दिए उन तीनों पर से चादर खींच लिए।
और तभी ज्ञानेद्रीय सर दरवाजा पीटते हुए चिल्लाए "उठो नालायको क्या गधे बेचकर सोने के लिए छुट्टीया लगी है"
ये आवाज सुन एक पल में सबकी नींद खुल गई और जैसे तैसे एक दूसरे पर बीना ध्यान दिए उठकर दरवाज़ा झट से खोल रूम से बाहर निकल गिर पड़े ज्ञानेद्रीय सर अंदाजा हो गया था यही होगा इसलिए पहले ही दरवाज़े से दूर हट गए थे । तभी उनकी नजर उन पांचों पर गई और चौंकते हुए सिखुड़ गई।
सामने खड़े ज्ञानेद्रीय सर को ऐसे घूरता देख पांचों समझ नहीं पाए क्यू ऐसे घुर रहे।
की नजर एक दूसरे पर और अपने आप पर पड़ी तो
चीख पड़े "आआआआईईई,,,,,"
गार्डन में जब सभी को चीखने की आवाज आई सभी बड़े चिहुंक उठे उन्हे कुछ समझ में नहीं आया और उठकर भागते हुए घर के अंदर चले गए।
सुनिता जी हॉल तक पहुंच चिंता से "क्या हुआ बच्च,,," वो बोल ही रही थी की सामने देख आखें बड़ी बड़ी कर चुप रह गई। उनके पीछे तीनों टीचर्स भी दौड़ते हुए आए और बोलने को हुए की सामने का नजारा देख उनकी हालत भी सुनिता जी जैसी हो गई। सभी आखें फैलाए हैरान रह गए।
मोहिंता मेम और सुनीता जी मुंह पर हाथ रख आंख बड़ी बड़ी कर देख रही थी तो वही हमारे प्रिंसिबल सर और विजेंद्र सर हैरान और मुंह खोले खड़े थे। उन पांचों को ऊपर से नीचे तक देख फिर दूसरे ही पल ज्ञानेद्रीय सर को छोड़ सभी ठहाका मारकर हस पड़े।
उन सब का हुलिया था ही ऐसा की क्या ही बताए चलो कोई न मै ही बता देती हु पांचों लड़को ने अपने कपड़े के ऊपर मस्ती के फ्रॉक पहने थे और चेहरे पर मेकअप पोता हुआ था साथ ही उनमें से बहुत तेज डार्क डेविल परफ्यूम की स्मेल आ रही थी मानो पुरी शीशी ही अपने ऊपर उड़ेल दिया हो। और बाकि सब का पता नहीं पर मनीष पुरी की पूरी लड़की लग रहा था तो वही बाकी सब छुछुंदर जैसे
"हे भगवान ये सब क्या है?" सुनिता जी हस्ते हुए चीख पड़ी तो सभी अपने कान पर हाथ रख लिए।
"धीरे,, धीरे बोलिए सुनिता जी" मोहिंता मेम भी हस्ते हुए बोली।
सुनिता जी अब भी हस्ते हुए "ह हा सॉरी मेम इनको ऐसे देख कर कंट्रोल ही नही हुआ"
तभी रियू जो उन पांचों के चिखने से जाग गई थी तो वही मस्ती सुनिता जी के चिखने से जाग गई थी क्युकी उसे सिर्फ रियू या तो फिर सुनीता जी ही जगा सकती थी। वो दोनों आखें मिचकर आते हुए बोली "क्या हो गया बैल भेस की तरह क्यू चिल्ला रहे?"
फिर दोनो सबकी हसी सुन ध्यान से सबको देखे फिर उनकी नजरों का पीछा करते हुए उनकी नजर उन पांचों नमूनों पर पड़ी दोनो आखें बड़ी बड़ी कर उन्हे देखें फिर एक दूसरे को फिर क्या ? लगा दिए ठहाका दोनों लोट पोट होकर हसी जा रही थी।
सबको ऐसे हस्ते देख पांचों लड़के शर्मींदा और शर्म से पानी पानी हो गए और गिरते पड़ते वापस रूम में घुस गए।
उनकी ये हरकत देख एक बार फिर सबकी हसी छूट गई।
पांच मिनट बाद
सब हॉल में बैठे हुए थे।
सभी हसी कंट्रोल किए हुए तो वही मस्ती बेखौफ हस हंसकर लोट पोट हुए जा रही थी। पांचों लड़के अपना हुलिया ठीक कर हॉल में आए तो सभी की हसी फिर छुट गई। मरती को ऐसे हस्ते देख उसे गुस्से से तमतमा कर घूरने लगे।
तो वही उनकी गुस्से भरी शक्ल देख बड़ो का हंसना बंद हो गया था। सभी मस्ती और रियू को हस्ते हुए देख रहें थे या कहूं घुर रहे थे। क्युकी सबको समझ आ गया था इनकी ये हालत ये खुद से तो करेंगे नही ज़रूर किसी का हाथ है और किसका हाथ है? ये सब बखूबी जानते थे।
बहुत सी नज़रों की तपिश महसूस कर रियू ने हंसना बंद कर सामने देखा तो सुनिता जी के साथ सब उन्हे ही शक भरी नज़रों से घुर रहे थे।
रियू जानबूझकर खास्ते हुए मस्ती को चुप होने का संकेत दी पर मस्ती तो मस्ती कहा रुकती इसलिए रियू को उसका मुंह चापना पड़ा। और उसका सर सामने की ओर मोड़ी उन सबको ऐसे शक भरी नज़रों से घूरता देख मस्ती की आंखे फैल गई ऑर खांसने लगी।
फिर मस्ती दात दिखाते हुए बोली "good morning Everyone"
सुनिता जी उसे डपटते हुए "Good morning गया भाड़ मे पहले ये बता ये क्या रायता फैलाया है तूने?"
मस्ती बड़ी सीधी बनते हुए "क्या? कौन सा? कैसा रायता? कहा फैलाया?क्या अनाप शनाप बोल रही हो?" उसकी इतनी सही एक्टिंग देख सभी अचंभे रह गए और सोचने लगे "इस लड़की को हिरोइन होना चाहिए था मुंबई बॉलीवुड में एक्टिंग में सब हीरो हिरोइन की छुट्टी कर देती"
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( >💜💜💜😂तो देखा मस्ती का फैलाया रायता अब आगे क्या क्या करती हैं जानने के लिए बने रहे मेरे साथ मिलते हैं जल्द ही next ep में 🙏🤪