Ek Ladki ko Dekha to aisa laga - 32 in Hindi Love Stories by Aradhana books and stories PDF | एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा - 32

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एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा - 32

जैसे ही फ्लाइट लैंड हुई, उसका दिमाग सिर्फ एक नाम पर अटका था — प्रकृति।
पर तुरंत खुद को रोकते हुए सोचा, “नहीं, अब उसे इस सब में नहीं घसीटूंगा।”
उसने तुरंत कबीर को कॉल किया।

कबीर (फोन उठाते हुए): “हाँ भाई, बोल रिधान…”
रिधान: “Bhai, मुझे कुछ मिला है… एक loophole।”
कबीर: “क्या मिला?”
रिधान: “Tu मिल, फिर बताता हूँ।”
कबीर: “अभी? It’s late…”
रिधान: “Tu बता, मैं आ रहा हूँ।”

कबीर कुछ पल चुप रहा, फिर देखा प्रकृति सामने नोट्स पलट रही थी।
कबीर (धीरे से): “कल मिलते हैं… थोड़ा important काम चल रहा है।”

रिधान के होंठ सख्त हो गए। उसकी चुप्पी में एक गहरी गंभीरता थी।
कबीर ने कोशिश की बात बदलने की —
कबीर: “वैसे, तू कैसा है? काफी दिन हो गए…”
रिधान: “Theek हूँ।”
कबीर: “और… तू प्रकृति से बात की? अगर इतनी बड़ी बात मिली है, तो उसे भी बता देना चाहिए।”

रिधान की आवाज़ में हल्की ठंडक थी, लेकिन दिल में आग:
रिधान: “नहीं। ये सब Riddhi के बारे में है। और मैं उसे अब और नहीं घसीटना चाहता। मैं जानता हूँ, उसने कुछ नहीं किया… अब मुझे इसे अपने तरीके से unfold करना है।”

कबीर की आंखों में राहत और मुस्कान मिली —
कबीर: “अख़िर मेरा भाई समझ गया। लेकिन दूरी इतनी भी मत बढ़ा कि लौटने का रास्ता बंद हो जाए। उससे बात कर।”

रिधान ने कुछ पल के लिए चुप्पी साधी, फिर गहरी सांस लेकर बोला —
रिधान: “तूने सही कहा।”

उसी वक्त पीछे से प्रकृति कुछ फाइलें लेकर आई —
प्रकृति: “कबीर, ये देखो, ये दो नाम मुझे list में common मिले हैं…”

कबीर ने उसे चुप रहने का इशारा किया और फोन की तरफ इशारा।
रिधान की धड़कनें तेज हो गईं।
उसने सुनी वह faint female voice, और उसके अंदर एक अजीब हलचल हुई।

रिधान (मन में): ये तो प्रकृति की आवाज थी!  “तो ये दोनों… अब भी साथ हैं।”
उसकी सांसें भारी थीं, हाथ हल्के कांप रहे थे। उसने फोन रख कर गाड़ी स्टार्ट की।

गाड़ी की हेडलाइट्स रात की सड़कों पर चमक रही थीं।
तेज़, बेचैन और सिर्फ एक मकसद — प्रकृति के पास पहुँचने का।

रिधान गाड़ी चला रहा था।
लेकिन उसके दिमाग में अभी भी वही पुराना पल घूम रहा था।

वो basement…
वह रात…
जब उसने पहली बार प्रकृति को रोते हुए देखा था।

उसकी सांसें थम गई थीं।
दिल धड़कता रहा था, जैसे किसी ने उसे अंदर से पकड़ लिया हो।

उसने अपना face cover किया था,
पर वह नज़ारा उसके दिल और दिमाग में हमेशा के लिए बस गया था।

उस रात उसने अपने हाथ से rumal निकालकर, बिना बोले, प्रकृति की तरफ बढ़ाया था।
उसके हाथों की गर्मी, उसकी नर्मी…
और फिर वह पल जब उसने देखा कि प्रकृति ने उसे धीरे से लिया — बस वही उसकी पूरी दुनिया बदल गया।

वह guilt, वह डर, वह प्यार — सब एक साथ महसूस हुआ।

गाड़ी की स्टीयरिंग पकड़ते हुए रिधान सोच रहा था:
"कितनी प्यारी हो तुम… अब तक तुम्हें गुनहगार मानता रहा, पर मेरा दिल जानता था कि तुमने कुछ नहीं किया। अब और तुम्हें इस सब में मत घसीटो। मैं खुद संभालूंगा।"

सड़क की रौशनी, हवा, और रात का सन्नाटा उसे फिर से उसी पल में ले गया।

Flashback में उसने देखा कि कैसे प्रकृति ने उसकी तरफ देखा, उसकी मासूमियत और भरोसे की झलक उसके दिल में आग की तरह जल गई थी।

रिधान की आँखों में हल्का moisture था, लेकिन उसने उसे दबा लिया।
उसकी तेज़ धड़कनें, गाड़ी की हल्की vibration, और उसके मन में उठती भावनाएँ उसे और भी alert कर रही थीं।

उसने गहरी सांस ली, और खुद से कहा:
"अब मैं तुमसे कुछ नहीं छिपाऊंगा… और उम्मीद है, तुम भी मुझसे कुछ नहीं छिपाओगी।"

उसका दिमाग उस flashback और वर्तमान के बीच oscillate कर रहा था —
past की guilt और present की उम्मीदें।

हर street lamp, हर shadow उसे प्रकृति की याद दिला रहा था,
और जैसे-जैसे वह आगे बढ़ा, उसका resolve और मजबूत होता गया।

Ridhaan गाड़ी बहुत तेज़ चला रहा था, इंजन की गुनगुनाहट और टायरों की चीख़ हवा में घुल रही थी।

इधर, Prakriti थोड़ी घबराहट में Kabir से पूछती है:
“वो क्या कह रहा था…? कहाँ है?”

Kabir हल्की मुस्कान के साथ बस कहता है:
“वो तुम्हें खुद बताएगा…”

Prakriti अपने हाथों में कागज़ दिखाती है:
“ये देखो… Aparna… ये नाम मैंने सुना है…”

Kabir हैरानी से पूछता है:
“तुम्हारी क्लासमेट थी क्या?”

Prakriti गंभीर होकर जवाब देती है:
“नहीं… Riddhi की… उसने अपनी आखिरी मुलाकात में ये नाम लिया था…”

Kabir चौंक कर पूछता है:
“तुम सच बोल रही हो?”

Prakriti धीरे से कहती है:
“उनसे मुझे पहले बताया गया था कि कुछ लड़कियां उसे परेशान कर रही थीं… मैंने उस समय इस बात को सामान्य कॉलेज की बात समझा था… पर ये एक एंगल हो सकता है।”

Kabir सिर हिलाते हुए बोलता है:
“तुम सही कह रही हो… पर फॉर्म्स में लिखा है कि वो New York शिफ्ट हो गई, और ये डेट्स Riddhi के सुसाइड की डेट्स से मिलती हैं…”

Prakriti सोच में पड़ जाती है:
“कुछ और नाम भी थे… पर याद नहीं आ रहा… मुझे लिस्ट फिर से देखनी पड़ेगी, जो लड़कियां ज्यादातर Riddhi के साथ थीं एक्टिविटीज़ में…”

तभी Kabir के फोन की स्क्रीन पर एक नंबर फ्लैश होता है… Ridhaan का कॉल। Prakriti ने भी फोन देख लिया।

Prakriti धीरे से बोलती है:
“उठा लो…”

Kabir कॉल उठाता है और कहता है:
“Ridhaan, मैं तुझे थोड़ी देर में..... 
उसके बात खत्म करने से पहले ही ....

फोन के दूसरी तरफ एक हल्की पर गंभीर आवाज़ आती है:
“…जिसका ये फोन है, उनका एक्सीडेंट हो गया है… बहुत blood लॉस हुआ है। उन्हें अस्पताल ले जा रहे हैं… last dial में आपका नंबर देखकर आपको कॉल किया…”

Kabir के पैर के नीचे से ज़मीन खिसक गई… उसके होश थोड़े उड़ गए।
“क्या…?!”


उसके हाथ से फोन छूट गया।।। वो पूरी तरह घबरा गया, प्रकृति भाग के उसके पास आई।
कबीर क्या हुआ.....?? बोलो

कबीर: रिधान.......!