Ghostly Typewriter in Hindi Horror Stories by Kanchan Singla books and stories PDF | भूतिया टाइपराइटर

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भूतिया टाइपराइटर

आज की भूतिया कहानी है टाइपराइटर की....भूतिया टाइपराइटर !!

एक पुरानी चीज़ों की दुकान जहां एंटीक चीज़े मिलती हैं। अजय और विजय दो दोस्त उस दुकान पर जाते हैं। दोनो वहां रखी पुरानी चीज़े देखने लगते हैं। वो दुकान वाला उन्हें हर वस्तु के बारे के बारे में बता रहा था। कौन सी चीज़ कहां से आई है और कितनी पुरानी है।

वह एक टाइपराइटर के पास पहुंचते हैं। वो दुकान वाला उन्हें बताता है कि यह टाइपराइटर एक लेखिका का था, वह इसी पर टाइप करते करते एक दिन मर गई। यह उनका फेवरेट टाइपराइटर था। 

अजय कहता है.... हमें यही टाइपराइटर चाहिए। विजय कहता है....कुछ और ले लेते हैं। अजय कहता है....नहीं, यार ये ज्यादा अच्छा है। हम इसे ही लेंगे। वह उस टाइपराइटर को ख़रीद लेते हैं और अपने पीजी रूम में ले आते हैं।

जब दोनो रात को सो जाते हैं। तब वह टाइपराइटर अपने आप चलने लगता है। खट खट की आवाज़ से विजय की नींद टूट जाती है। वह देखता है....टाइपराइटर खुद से ही चल रहा था। वह अजय को जगाता है....अजय, उठो!!उठो!! देखो यह टाइपराइटर खुद से ही चल रहा है।

अजय नींद में बडबडाते हुए कहता है....सो जा तू, मैं इसे वापस नहीं करने वाला। विजय उसे दोबारा झिंझोड़ता है। इस बार अजय उठ जाता है। विजय उसे टाइपराइटर के पास लेकर जाता है। लेकिन यह क्या, टाइपराइटर अब बन्द हो चुका था और जिन पन्नों पर उस टाइपराइटर ने लिखा था वह भी अब कोरे थे, उन पर स्याही का कोई दाग भी नहीं था।

अजय, विजय से कहता है....अपनी यह भूतिया कहानी पढ़ना बन्द कर दे, अब तू असल में भी ऐसी कहानियां बनने लगा है, नींद खराब कर दी मेरी। अजय जाकर सो जाता है।

उसके सोने के बाद टाइपराइटर फिर से चलने लगता है। विजय को पूरी रात नींद नहीं आती। अगले दिन अजय, विजय को सोता हुआ छोड़ कर अपने काम पर चला जाता है। रात भर ना सो पाने की वजह से विजय गहरी नींद में सोया हुआ था।

कुछ देर बाद अचानक उसकी नींद खुलती है। वह देखता है....उसके चारों तरफ अनगिनत लिखे हुए पन्ने बिखरे पड़े थे और वह टाइपराइटर अब भी चले जा रहा था। विजय को यह देखकर घबराहट होती है। वह वहां से बाहर भागने की कोशिश करता है। जब वह दरवाज़े के पास पहुंचता है, तब दरवाज़ा अपने आप बन्द हो जाता है और बहुत सारे कागज इक्कठे होकर उसके सामने दीवार बनकर खड़े हो जाते हैं। वह अपने आपको कागजों की दुनियां में पाता है, उन सारे कागजों पर कुछ ना कुछ लिखा हुआ था।  

विजय को यह देख गुस्सा आने लगता है। वह कहता है...यह सब तुम कर रहे हो ना भूतिया टाइपराइटर। मैं तुम्हें तोड़ देता हूं, देखता हूं फिर कैसे लिखोगे तुम।

वह उस टाइपराइटर को उठा कर पटकने वाला होता है, तभी उसके चेहरे पर एक कागज आकर चिपक जाता है। वह उस कागज को अपने चेहरे से हटाता है और उस पर लिखा हुआ पढ़ता है.....मुझे मत तोड़ो, मैं चाहता हूं तुम पढ़ो मेरी कहानी। मैं आज भी अच्छा लिख सकता हूं, लेकिन नयी आई टेक्नोलॉजी ने मेरी जरूरत को खत्म कर दिया है। लोग मुझे भूल गए हैं, तुम देखो मैं कितना फास्ट लिख सकता हूं। लोगो तक मुझे फिर से पहुचाओ। एक ही थी, जो मुझे इतना पसंद करती थी, लेकिन वह भी नहीं रही। अब वो और मैं एक ही हो गए हैं। वह लिखना चाहती है और मैं मेरी वापसी।

विजय कहता है.....लेकिन अब तुम्हारा दौर खत्म हो चुका है। तुम वापस नहीं आ सकते। तुम्हें इस बदले हुए वक्त को अपनाना होगा और भूलना होगा खुद को।

यह सुन वह टाइपराइटर गुस्सा हो जाता है और एक और पेपर उसके चेहरे पर आकर लगता है....अगर तुम मेरी मदद नहीं करोगे तो मैं तुम्हें मार दूंगा। इसी के साथ बहुत सारे कागज तीर बनकर उसकी तरफ आने लगते हैं। यह देख विजय उस टाइपराइटर को नीचे जमीन पर पटक कर तोड़ देता है। जमीन पर पड़ते ही टाइपराइटर टूट जाता है और सारे कागज़ भी नीचे जमीन पर बिखर जाते हैं।

विजय चिल्ला कर कहता है....तुम जो हो उसे अपनाना सीखो। तुम्हारी जगह ना तो कोई ले सकता है और ना ही ले पाएगा। पर अगर तुम खुद की पहचान से भागोगे तो अंजाम बुरा ही होगा। तुम्हारा दौर खत्म हुआ था, तुम्हारी जरूरत नहीं। तुम जो हो वही रहोगे, वक्त के साथ हर चीज़ बदलती है और यह जरूरी भी है। तुम आए थे तब पेन और पेंसिल की जगह तुमने भी ली, लेकिन तुम यह बात भूल गए। अब जब किसी ने तुम्हारी जगह ले ली तुम्हें बर्दाश्त नहीं हुआ। तुम इसी के लायक थे।

इसी के साथ कमरे का दरवाज़ा खुल जाता है और अजय अंदर आते हुए कहता है.....तुम पागल हो गए हो, तोड़ ही दिया इसे तुमने। मेरी ही गलती है कि मैंने इसे तुम्हारे मना करने के बाद खरीद लिया।

विजय उस टाइपराइटर को उठा कर उसी दुकान वाले को वापस कर आता है। वह दुकान वाला उस टाइपराइटर को उससे लेकर अंदर रखने जाता है और उससे कहता है....तुम फिर से वापस आ गए, इस बार भी काम नहीं बना तुम्हारा, मुझे तुम्हें वापस से जोड़ना पड़ेगा।।


~भूतिया टाइपराइटर~

कंचन सिंगला 💛
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