Three best forever - 58 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 58

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 58

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( >💜💜💜 हैलो फ्रेंड्स ऑफ इंडिया द्वारा संचालित किए गए मेरे इस स्टोरी पर 
अपनी नशीली नैन मटकाइए 🤪😁और next ep पर दिल नहीं यारों अपनी यारी लुटाइए,,,💜💜💜

तीन सेकेंड के चुप्पी के बाद मस्ती बोली "अब तक मैने कुछ नहीं किया था क्युकी बात सिर्फ मुझतक थी लेकिन अब इस कलमुहे ने हद पार कर दी बात मनीष और मम्मी पापा के आत्मसम्मान तक पहुंच गई और जो मेरे अपनो को तकलीफ दे उसे मैं चैन से कैसे जीने दे सकती हू" अब आगे,,,,

"क्या करने का सोच रही? देख जो भी करेगी मुझे भी टीम मे लेना समझी अकेले तीस मार खान बनने की कोशिश की तो पिटेगी मुझसे" रियू धमकी देते हुए बोली।

उसकी बात सुन मस्ती जम्हाई लेते हुए "आआआह्हह हा हा ठीक है पर पहले प्लान तो बना लू फिर बताती हु शुरुआत कैसे करना है " 

रियू बोली "Ok चल बाय पापा को फोन वापस करना है" 

"फिर हम,,?" मस्ती अपनी बात पुरी करती की उसकी बात समझ रियू बोली "Don't vary कल तक मेरा फोन ठीक होकर आ जायेगा मेरे हाथ में" 

मस्ती नॉर्मली बोली "Ok by" और फोन कट कर दी।

वही दूसरी ओर जय पुर में अपने रुम मे लेटी रियू मन में बोली "इसने इतने नॉर्मली ढंग से by कहा इसका मतलब बहुत बड़ा कांड करने वाली है ये लड़की" 

तो वही यहां मस्ती अपने रूम में लेटी मन में "कांड तो होगा ही और ऐसा कांड होगा की उस कलमुहे की रूह भी उसके अंदर घूट घूट कर माफी के लिए भीख मांगते हुए चिल्लाएगी पर उसे माफी नसीब नहीं होगी मेरे होते तो बिलकुल नहीं" 

तो यहां रियू मुट्ठी कसे मन में "स्वर्ग तो उसे सपने में भी न दिखे इसलिए नर्क जाने के लिए उसकी आत्मा तक चीख उठेगी पर,,," 

तो वही यहां मस्ती दात पिस्ते हुए "पर अफसोस उसे नर्क भी नसीब न होगा धरती पर ही सड़े कीड़े की जिंदगी जिएगा" 

तो यहां रियू मन में "पर वो फट्टू तो गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर है साला और,,," 

तो वही मस्ती मन में "और दोस्ती का रंग बदलकर मनीष का बहुत फायदा उठाया है ना अब देख मनीष के कवच और तलवार अपने वार से " 

मस्ती रियू साथ में "कैसे तेरा पैंट गिला करते हैं" 

अगले दिन
सुबह 9 बजे

मस्ती जब से सोकर उठी है ब्रश करते हुए फ्रेश होते हुए ब्रेकफास्ट करते हुए एक ही बात सोच रही थी की आखिर इस राहुल कलमुहे से बदला कैसे लिया जाए।

वही सुनीता जी उसे ऐसे खोया हुआ देख समझ रही थी कही बुखार वुखार तो नही चढ़ गया इस चिंता में वो मस्ती के रूम में आई देखने तो देखा मस्ती बेड पर उल्टी पुलटी लेटी साइको किलर की तरह हस रही थी। 

एक बार के लिए तो सुनिता जी का रूह अंदर तक कांप उठा।
वो जल्दी जल्दी डग भरते हुए मस्ती की तरफ़ बढ़ी और उसे झंझकोर कर उठा कर बिठाया अचानक से ऐसा करने से मस्ती चिहुंक गई और कन्फ्यूज शक्ल बनाए अपनी मम्मी को देखने लगी। 

मस्ती झुंझलाई हुई "मम्मी क्या कर रही हो?" 

सुनिता जी कमर पर हाथ रख घूरते हुए "तू बता तू क्या कर रही थी?" 

मस्ती नासमझी से "मै क्या की  ? अपने रूम में ही तो हु?"

सुनिता जी बोली "अरे सुबह से देख रही हू खोई खोई सी है मुझे लगा कही बीमार तो नही इसलिए देखने आई लेकिन तू तो साइको किलर जैसे हस रही थी मानो किसी का मर्डर करने का इरादा हो" अपनी मम्मी की बात सुन मस्ती ने सर पीट लिया और उनको घूरने लगी।

"सच सच बता कही सच में किसी का मर्डर करने का प्लान तो नही बना रही थी ना?" सुनिता जी फिर उसे शकीन नजरों से घूरती हुई बोली।

तो मस्ती उन्हे टेढ़ी नजर से देख बोली "क्या बकवास कर रही हो मम्मी? कुछ भी"

"अब भी बोल रही सच बता दे मैं नही चाहती तू झूठ बोल कर मुझसे चप्पल से पीटकर जेल जाए" सुनिता जी जानबुझकर उसे तंग कर रही थी तो वही उनकी बात सुन मस्ती नाक मुंह सिकोड़ उन्हे घूरने लगी। 

उसे ऐसे देख सुनीता जी की हंसी छूट गई। और मस्ती के गाल को पिच करते हुए प्यार से चूम लिया
और बोली "अब बता क्या बात है इतनी परेशान क्यू है ?"
उनकी इस बात पर मस्ती ने उन्हें राहुल वाली सारी बात बता दी।
सारी बात सुन सुनिता जी को भी धक्का सा लगा। उन्हे भी यकीन नहीं हो रहा था वो राहुल जिसे उन्हे मनीष की तरह ही अपना बेटा मान उसपर भरोसा किया था उसने एक पल में उस भरोसे को तोड़ दिया वो भी सिर्फ कुछ पेसो के लिए। 

"मम्मी आपको पता है मुझे ना कभी भी वो कलमूहा सही लगा ही नहीं एक नेगेटिव एनर्जी महसूस होती हैं उसके  नाम से ही,,फिर उसकी मौजूदगी का तो पूछो ही मत घुटन भरी धुंध छा जाती है मेरे आस पास,,वो जबरदस्ती मुझसे बात करने की कोशिश करता रहता है और मै उससे मै बार बार उसका no block करती हु,, ना जाने 15 मिनट में फिर कैसे टपक जाता हैं" मस्ती ने अपनी बात खत्म की तो 

सुनिता जी हैरानी से बोली "ये बात तू अब बता रही मुझे,,मुझे छोड़ क्या मनीष और रियू को पता है?

मस्ती मायूस चेहरा बनाए बोली "रियू को बताई नही फिर भी उसे पता है और मनीष,,उसे तो बता ही नही पाई क्युकी वो तो उसपर आखें बंद कर विश्वास करता था मैं उसे हर्ट कैसे करती मै सही मौका तलाश रही थी उस कलमुहे का सच उजागर करने के लिए और वो मौका मुझे मिल चुका है" 

"Hmm,,ठीक है जो भी करना संभल कर वो लड़का खतरनाक साबित हो सकता है" सुनिता जी चिंता से बोली। 

तो मस्ती उनकी चिंता खत्म करते हुए घमंड और खतरनाक तरीके से बोली "Hmm don't vary mom आपकी बेटी भी किसी से कम नहीं डेविल है डेविल,," 

सुनिता जी हाथ जोड़ उपर देख बोली "हे भगवान,,कभी कभी तो मुझे भी डर लगता हैं कही कोई जादू टोना तो नही कर दिया इस लड़की पर" 

अपनी मम्मी की बात सुन मस्ती हस पड़ी बोली "ही ही ही,,क्या मम्मी तुम भी,,खैर आप शाम को मनीष के पापा को कॉल कर बात कर लेना" 

सुनिता जी बोली "Hmm,, मैं वैसे भी करने ही वाली थी चल मै चलती हु जॉब तू घर और अपना दोनो का ध्यान रखना ok by" 

मस्ती अपनी मम्मी के सीने से लगे "Ok by by टाटा तुम भी अपना ध्यान रखना मम्मी" 

सुनिता जी प्यार से उसके माथे को चूम कर चली गई। 


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( >💜💜💜क्या प्लान तैयार की है 
हमारी मस्ती डेविल😈? जानने के लिए बने रहे स्टोरी के साथ मिलते हैं जल्द ही next ep में 💜💜💜