Three best forever - 59 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 59

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 59

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( >💜💜💜 ep देरी के लिए क्षमा याचना सिंगलो और मिंगलो 
next ep लेकर हाजिर है आपका प्यारा यार
और यारो का यार बंकू होनहार 
चलो अब जल्दी पढ़ो यार 💜💜💜

सुनिता जी प्यार से उसके माथे को चूम कर चली गई। अब आगे,,,

तभी अचानक मस्ती चिल्लाई "yssssss,,, यही करूंगी मैं,," उसके दिमाग में कुछ खुराफात चक्कर काटने लगी थीं लेकिन क्या ? ये तो सिर्फ वो ही जानती थी।

वो इंस्टाग्राम पर उस कलमुहे की id खंगालने में जुट गई। उसे सिर्फ उसकी एक pic की जरुरत थी लेकिन ढूंढते हुए दोपहर से शाम हो गई पर उसके हाथ कुछ नहीं लगा तो थक हार कर वो नींद की आंगोस में चली गई। 

शाम6 बजे

सुनिता जी जॉब से लौट आई और डोर बेल बजाते जा रही थी। 
तीन बार बजाने के बाद भी दरवाज़ा न खुलता देख उनको समझते देर न लगी की मस्ती घोड़े बेच कर सो रही हैं।

वो माथा मलते हुए अपने पर्स से मास्टर चाबी निकाली और झट से लॉक खोली और अन्दर पधारी।
वो सीधे मस्तानी के रूम में गई और सामने का नजारा देख  उनकी गुस्से में त्यौरियां चढ़ गई। 

मस्तानी बेड पर उल्टी सीधी लेटी हुई कान में इयर फोन लगाए जूस पॉपकॉर्न खाते हुए अपने फ़ोन पर मूवी देख रही थी। 
तभी उसका मैंगो जूस खत्म हो गया वो मायूस चेहरा बनाए बोली "अरे यार इसे भी अभी खत्म होना था अब क्या करूं? मूवी छोड़कर जाने का मन नही कर रहा काश मम्मी जल्दी आ,,," उसके आगे के शब्द मुंह में ही रह गए। 
अब वो डरी हुई नजरो से सामने देख रही थी क्युकी उसकी कही मुराद पूरी हो गई थी सुनिता जी कमर पर हाथ रख बड़े गुस्से में उसे घुर रही थीं।

मस्तानी घबराते हुए "म,, म,, मम्मीईई,,, हेहेहे,,,बड़ी जल्दी आ गई आज" 

सुनिता जी उसके पीठ पर एक हाथ जड़ते हुए "हे हे की बच्ची,, मैं सोच रही थी सोई होगी इसलिए दरवाज़ा नही खोल रही पर यहां तो मस्तीलीला चल रही है" 

मस्ती करहारते हुए "आहईई,,ह,, हा मम्मी सोई थी जस्ट आधे घंटे पहले ही उठी हु" 

सुनिता जी उसे बेयकिनी देख "सच में?"

"हा सच्ची,,आप ही तो कहती है न शाम को नही सोना चाहिए " मस्ती आज्ञाकारी बच्ची की तरह बोली। 

"अरे वाह,, बड़ी आज्ञाकारी हो गई है हमरी बिटिया तो" सुनिता जी तंज भरी मुस्कान लिए बोली और शबासी के नाम पर एक थप्पड़ उसके पीठ पर जड़ दी।

"हेहेहे,,,तारीफ के थैंक्यू मम्मी" मस्ती अपनी पीठ सहलाते हुए जबरदस्ती हसकर बोली। 

"हे हे बंद कर और जल्दी उठ कर आजा तेरे फेवरेट चॉकलेट फ्लेवर बेस्ट्रीज लाई हु" सुनिता जी ने कहा।

तो मस्ती मायूसी से बोली "अभी क्यू लाई मम्मी आपको पता है न उन दोनो,,," 

मस्ती की बात सुनिता समझते हुए बोली "जानती हु उन दोनो के बिना तू अकेले कुछ भी इंजॉय नही करती और ऐसे हालात में तो बिल्कुल नहीं" उनकी बात सुन मस्ती उनके सीने जा लगी और सिसकने लगी।

सुनिता जी उसका चेहरा उपर कर प्यार से गालों को चूम कर बोली "पर बेटा ऐसे टेंशन लेने से कुछ नहीं होगा इंजॉय करते हुए अपने मूड को फ्रेश रखेगी तभी तो इस सबसे बाहर निकलने का रास्ता खोज पायेगी" 

सुनिता जी की बात का मस्ती पर गहरा असर हुआ मस्ती बोली "Hmm,, आप सही कह रही मम्मी मै अगर खुद टेंशन में उलझकर रह गई तो मेरे दोस्तों को टेंशन से बाहर कौन निकालेगा मुझे माइंड फ्रेश रखना होगा" 

सुनिता जी मुस्कुराते हुए "ये हुई न बात बहादुर मस्ती वाली अब चल मिलकर बेस्ट्रिज खाते हैं" 

दोनो मां बेटी हॉल में आए और मजे से TV पर शिनचैन देखते हुए चॉकलेट फ्लेवर बेस्ट्रीज खाने लगे।

अगले दिन
सुबह 8 बजे

मस्ती हमेशा की तरह बेड पर उल्टी सुल्टी बेख्याली सोई पड़ी थी । तो वही बेड साइड टेबल पर रखा उसका फोन घन घनघनाते हुए गाए जा रहा था।
गाने की लाइन "तू जो रूठा तो मुक्का पड़ेगा
तू जो बदला तो लात पड़ेगा
तू चुप है तो ये डर लगता हैं,,,,," 
गाने की एक ही लाइन बार बार रिपीट कर बंद हो जा रहा था। 
पर मस्ती के कान में तो चू तक की आवाज नही गई।

तभी एक भयानक आवाज आई "मस्तीईईई,,, उठ जा वरना फ्रिज का ठंडा पानी डाल दूंगी" 

मस्ती झट से उठ बैठी उसके चेहरे पर घबराहट के भाव थे। 
वो सामने खड़ी अपनी मम्मी को गुस्से में तमतमाए देख कन्फ्यूज शक्ल बनाए बोली "क्या हो गया मम्मी छुट्टी चल रही चैन से सोने दो ना क्यू ऐसे राक्षसी की तरह चिंघाड़ मारके जगा रही" 

"चुप कुंभकर्ण की नानी,,,तेरे फोन पर अब तक 50 बार कॉल आ चुका है और तू,,," सुनिता जी अपनी बात खत्म कर पाती की 

मस्ती  सदमे से चीखी "क्याआआ,,,50 बार" और झट से फोन लपक कर देखने लगी तो क़िस्मत ही झंड थी बिचारी की फोन ऑन करने से पहले ही स्विच ऑफ पड़ा था।

मस्ती फिर चीखी "हे मोरी मईया" 

सुनिता जी बोली "मईया जा रही जॉब करने कमइया,,अब उठ जल्दी फ्रेश होकर आ ब्रेकफास्ट तैयार कर दी हु खा लेना तब तक फोन चार्ज हो जायेगा फिर कॉल बैक कर लेना" 

सुनिता जी चली गई तो वही मम्मी की बात किसी आज्ञाकारी बेटी की तरह मानते मस्ती फोन चार्जिंग पर लटका दिया और काम पर लग गई।

एक घंटे में सारा काम कर वो फोन पकड़ बेड पर लेट गई।

तभी फिर कॉल आया "तू जो रूठा तो मुक्का पड,,," इतने में ही उसने झट से रिसीव कर कान पर लगाया की 
कॉल की दुसरी तरफ से गालियों की बौछार हुई "अबे साली कुट्टी कमिनी जाहिल औरत कहा मर गई थी,, कब से कॉल पर कॉल कर रही मस्ती ने फोन कान से दूर हटा दिया।

मन में बोली "हे भगवान ये तो फोन तोड़ कर यहां प्रकट हो जायेगी" 
फिर स्पीकर पर रखते हुए बोली "पहली बात अभी मुझपर औरत का टैग मत चिपका क्युकी मैं सिंगल लड़की हु,,ओर दुसरी बात,,," वो जानबुझकर चुप हो गई जो रियू अच्छी तरह समझ गई।

जिससे वो खीजते हुए बोली "तेरी दुसरी बात गई भाड़ मे,,अब ये बता कहा मर गई थी"

"बिस्तर पर,,मम्मी जीवन दान दी,,और फोन की जानकारी दी जिससे मैं फट से फोन चेक करने के लिए लपकी और ऑन करने वाली थी की किसी नसपीटे ने मनहूस ग्रहण डाल दिया फोन स्विच ऑफ पड़ा था चार्ज पर चढ़ाई एक घंटे और उस घंटे में अपना नहाना धोना खाना पीना सब कर लिया तब जाके तूझे कॉल बैक करने वाली थी की,,," एक सास में पुरी बात बोल मस्ती हाफते हुए माथा पीटने लगी।

रियु सख्ती से ऑर्डर देते हुए "ठीक ठीक समझ गई अब सास ले ले और ज्यादा माथा पीटने की जरुरत नहीं है,, रिलैक्स रह और पानी पी लें" 
रियू जैसा बोली मस्ती ने ईमानदार संस्कारी बच्ची की तरह वैसा ही किया अब करती भी क्यू न रियू के गुस्से में जलना थोड़ी न था उसे इसलिए चुप चाप उसकी बात मान ली।

रियू वीडियो कॉल की मस्ती ने जैसे ही रिसीव किया वो बोली "कुछ सोचा तूने,,?" 

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( >💜💜💜 किस बारे बात कर रही थी रियू ? जानेंगे हम next ep में मिलते हैं जल्द ही 💜💜💜