intekaam - 6 in Hindi Love Stories by Mamta Meena books and stories PDF | इंतेक़ाम - भाग 6

Featured Books
  • ભાગવત રહસ્ય - 279

    ભાગવત રહસ્ય -૨૭૯   ઇશ્વરને જગાડવાના છે.શ્રીકૃષ્ણ તો સર્વવ્યા...

  • આત્મનિર્ભર નારી

    આત્મનિર્ભર નારી નારીની ગરિમા: "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन...

  • ધ વેલાક

    ભૂતિયા નન - વડતાલના મઠની શાપિત વાર્તાવડતાલ ગામ, ગુજરાતનું એક...

  • શેરડી

                         શેરડી એ ઊંચા, બારમાસી ઘાસની એક પ્રજાતિ...

  • પ્રેમ અને મિત્રતા - ભાગ 11

    (નીરજા, ધૈર્ય , નિકિતા અને નયન..) નીરજા : બોલો...પણ શું ?? ધ...

Categories
Share

इंतेक़ाम - भाग 6

निशा मंदिर में अपनी बड़ी बुआ के आने का इंतजार करती रही लगभग 1 घंटे बाद बड़ी बुआ मंदिर आ गई,बड़ी बुआ को देखते ही निशा खड़ी होकर दौड़ कर अपनी बुआ के गले जा लगी और फूट-फूट कर रोने लग गई,

बड़ी बुआ ने प्यार से उसे चुप कराया और फिर गुस्से में कहा तुम चिंता मत करो बेटी उन्होंने जो तुम्हारे साथ किया है उन्हें उसकी सजा जरूर मिलेगी ,

यह कहकर बह निशा को लेकर वापस उसके घर निशा के साथ उनके घर आ गई,

बड़ी बुआ को देखकर सभी घरवाले काफी डर गए उन्हें तो पहले ही शक था कि अगर बड़ी बुआ को पता चल गया तो हमारी खैर नहीं,,,,

बड़ी बुआ ने गुस्से में सब को काफी सुनाया और लताड़ा तभी वहां एक इंस्पेक्टर 2 कॉस टेबल लेकर आया, पुलिस को देखकर निशा के घरवाले काफी घबरा गए,

तब बड़ी बुआ स्पेक्टर से बोली गिरफ्तार कर लीजिए सर इन सब को मैंने आपको बताया था ना कि इन लोगों ने मेरी मासूम बच्ची के साथ कैसा सलूक किया है,,,,,

बड़ी बुआ के इतना कहते ही स्पेक्टर ने अपने कांस्टेबलों को इशारा किया और कॉन्स्टेबल हाथ में हथकड़ी लिए उनकी तरफ बढ़े,

अपनी तरफ बढ़ते देखकर निशा के सभी घरवाले घबरा गए और हाथ जोड़कर रोते हुए बोले बड़ी बुआ हमें माफ कर दो हमसे बहुत बड़ी गलती हो गई,

निशा की ताई रोते हुए बोली बड़ी बुआ जी हम आज के बाद निशा  बेटी पर जरा भी आंच नहीं आने देंगे हमें माफ कर दो लेकिन बड़ी बुआ पर उनके आंसुओं का कोई असर नहीं हुआ,

जैसे ही एक कांस्टेबल ने निशा की दादी को हथकड़ी लगाने के लिए हाथ बढ़ाया, एकाएक निशा चिल्ला उठी रुक जाइए निशा की आवाज सुनकर सभी हैरानी से निशा की तरफ देखने लगे,

तब निशा बोली बड़ी बुआ मुझे इनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं करवानी चाहे इन लोगों ने मेरे साथ कैसा भी सलूक किया हो लेकिन आखिर है तो मेरे परिवार वाले ही अगर मैं भी इनके साथ ऐसा सलूक करूंगी तो फिर मुझ में और इसमें क्या फर्क रह जाएगा ,मेरे पापा हमेशा कहते थे कि बेटा अपने गुनहगार को माफ करना सबसे बड़ा धर्म है, बड़ी बुआ अगर इन लोगों को मेरी वजह से पुलिस गिरफ्तार कर थाने ले जाएगी और इनके साथ बुरा सलूक करेगी तो मुझसे ज्यादा दुख मेरे पापा को होगा उन्हें स्वर्ग में भी शांति नहीं मिलेगी, नहीं बड़ी बुआ नहीं मैं ऐसा नहीं कर सकती यह कहकर निशा रो पड़ी,

तब  बड़ी बुआ ने निशा के सिर पर हाथ फेरा और कहा रो मत बेटा,,, 

यह कहकर बड़ी बुआ ने स्पेक्टर की तरफ देखते हुए कहां माफ करना इस्पेक्टर साहब हमें कोई शिकायत दर्ज नहीं करवानी आप को हमारी वजह से यहां आना पड़ा इसकी वजह से हम  शर्मिंदा हैं,,,,

इतना सुनकर इंस्पेक्टर बोला कोई बात नहीं यह कहकर वह अपने कांस्टेबलों को साथ लेकर वापस चला गया,

तब बड़ी बुआ निशा के घर वालों की तरफ देखते हुए बोली देखो कितना बड़ा दिल है इस मासूम का तुम लोगों ने इसके साथ कितना बुरा सलूक किया लेकिन फिर भी इस मासूम ने तुम्हारे खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने से मना कर दिया क्योंकि यह तुम्हें अपना परिवार समझती है, शर्म आनी चाहिए तुम लोगों को कि तुम इंसान होकर भी जानवरों से बदतर हो,,,,

यह कहकर बड़ी बुआ ने निशा से कहा चलो बेटी अब तुम यहां नहीं रहोगी मेरे साथ रहोगी,,,,