रीकैप
पिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा कि किस तरह कल्याणी जी माया को मंदिर से खींच कर लाती है और उसे जोरदार थप्पड़ मारती है।
जिसकी वजह से माया उन्हें बोलती है कि मदद करना तो उन्होंने ही सिखाया है तो अब उसे थप्पड़ क्यों पड़ा ,इतना बोलकर वहां से चली जाती है।
इंद्रजीत के कंपनी में इंद्रजीत रोहन से बोलता है कि माया जॉब कर चाहती है या पेनल्टी देना चाहती है।
तीसरी तरफ हम देखते हैं कि अंजलि कुणाल को रुचिता के द्वारा दिए गए पैसों उसे वापस करनें बोलती है,वरना वह उसे पर धोखाधड़ी और मानहानि का केस दर्ज करवाएगी।।
अब आगे
राघव सोफे पर बैठा है, तभी एक सर्वेंट हाथ में पानी का गिलास लेकर राघव के पास पहुंचता है और उसे पानी देते हैं राघव भी वह पानी पीता है और सर्वेंट को काफी लाने का ऑर्डर देता है।
सर्वेंट के जाने के बाद राघव अपनी आंखें बंद कर कर सोफे पर अपना सर ठीक रखता है और आंखें बंद करता है।
उसके बंद आंखों के सामने माया का चेहरा आता है जो कुछ वक्त पहले गुंडो से लड़ रही थी।
यू कह सकते हैं कि गुंडो को एक दूसरे से ही लाडवा रही थी।
उसकी आंखों के सामने माया का पसीने से भरा चेहरा आंखों में लाल डोरी और चेहरे पर शरारती वाला स्माइल ही आ रहा था।
राघव जैसे ही माया का चेहरा अपने आंखों के सामने देखा है तो वजह से अपनी आंखें खोलता है।
(सही सोचा आपने वह जो गाड़ी में दो आदमी बैठे थे उनमें से एक राघव है जो माया को फाइट करते हुए देख रहा था)
राघव अपने आप में कहता है क्या वह तुम हो जिसे मैं पिछले तीन साल से ढूंढ रहा हूं मेरा दिल बार-बार यह क्या कह रहा है आज तक जो मैं किसी के लिए महसूस नहीं किया वह बस तुम्हारी एक झलक ने महसूस करवाया है।
तभी सर्वेंट कॉफी लेकर आता है और राघव को देता है सर्वेंट की आने की वजह से राघव अपने खयाल से बाहर आ जाता है और वह काफी लेख कर लैपटॉप पर फिर से अपना काम करने लगता है।
रानें हाउस
माया और रेणुका की जाने के बाद कल्याणी जीबी अपनी जगह से उठकर अपने कमरे की तरफ जाती है और अपने पलंग पर बैठते हुए कुछ सोचने लगती है।
फ्लैशबैक
जब माया लड़ रही थी और कल्याण जी उसे लड़का देख रही थी तो तभी उनके बाजू एक अघोरी बाबा आते हैं और उनके हैरान चेहरे को देखकर का दिल का हाल जान लेते हैं और उनसे बोलते हैं तुम चाहे कितना कोशिश करो उसकी किस्मत बदलने की लेकिन वह होकर रहेगा जो उसकी किस्मत में है आज तक भगवान ने भी अपनी किस्मत नहीं बदली वह तो एक इंसान है तो कैसे बदलोगी उसकी किस्मत तुम जितना उसे उसकी किस्मत से दूर करोगी वह उतना ही अपनी किस्मत की और बढ़ेगी।
यह सारी बात अघोरी बाबा सारकास्टिक वे में बोल रहा था।
जैसे वह कल्याणी जी को बताना चाहता है कि किस्मत भगवान लिखकर भेजता है इंसान नहीं वह कितना भी चाहे अपनी किस्मत को नहीं बदल सकते।
कल्याणी जी बाबा से कहती है नहीं मैं उसकी किस्मत बदल लूंगी मैं उससे उसकी किस्मत से दूर करूंगी मैं उसके साथ वह होने नहीं दूंगी जो मेरे और मेरे पति के साथ हुआ है इतना बोलकर वह माया के पास चली जाती है (इस वक्त कल्याणी जी के आंखों में और आवाज में एक धी्न निश्चय साफ-साफ दिखाई दे रहा था)
फ्लैशबैक एट
कल्याणी जी सोच रही थी और वह अपनी सोच में ही गुम हो गई।
माया के कमरे में
माया पलंग पर बैठकर कंपनी जाने के लिए अपने बैग को तैयार कर रही थी।
तभी रेणुका जी अंदर आती है और माया से पूछता है कि वह ठीक है या नहीं।
माया जवाब देती है कि वह ठीक है।
रेणुका जी बोली अपनी अजी की बातों का बुरा मत मानना और ना ही थप्पड़ का कोई मलाल रखना वह तुमसे बड़ी है तुम्हें जो बोल रही है वह सही होगा, इतना बोलकर वह माया के गालों पर दवाई लगातीं है।
तभी माया का फोन बज उठता है तो माया देखी है कि उसे एक अननोन नंबर से कॉल आ रहा है तो माया कॉल पिक करती है और बोलती है हेलो कौन।
दूसरी तरफ से आवाज आता है हेलो क्या मैं मिस माया से बात कर रहा हूं
माया जवाब देती है जी हां मैं माया ही बोल रही हूं आप कौन?
दूसरी तरफ से आवाज आती है जी मैं ऐजेके कंपनी का सीईओ का असिस्टेंट रोहन हो मैं आपसे यह पूछना चाहता हूं कि आप ज्वाइन कर रही है या पेनल्टी भर रही है।
माया रोहन की बात सुनकर जवाब देती है जी नहीं मैं कुछ देर में ऑफिस में ही आ जाऊंगी इतना बोलकर वह चुप हो जाती है।
रोहन बोला अच्छा ठीक है। जैसे ही आप आती है तो प्लीज हमें इन्फॉर्म कर दे इतना बोलकर कॉल कट कर देता है।
माया कॉल कट करने के बाद माया रेणुका जि से बोली आई मुझे कंपनी जाना होगा आप तो जानती हो आज मेरा दूसरा दिन है और दूसरे दिन ही लेट होना अच्छा रिमार्क नहीं होता है इतना बोलकर वह वॉशरूम में चली जाती है और फ्रेश होकर बैग लेकर कंपनी के लिए निकल जाती है।
यूनिवर्सिटी में
कैंटीन में तीनों लड़कियां रुचि को ऐसे घूर रही थी जैसे वह उनका बस चले तो वह रुचिता को यूनिवर्सिटी के छत पर जाकर लटक कर जोर-जोर से थप्पड़ मार क्योंकि आज इस लड़की का यह 14 व ब्रेकअप है।
अंजलि टेबल पर जोर से हाथ मारते हुए रुचिता को देते हुए बोली यह क्या हमेशा ऐसे ही करते रहती हो तुम सच कह रही हो जिसने तुम्हारे चक्कर में मैंने लोगों से पंगे लिए हैं ना उसके आदे भी केस लड़ती तो मैं एक आज लॉयर बन चुकी होती।
रुचिता बोली पर मेरी जान तू तो लॉयर की पढ़ाई कर रही है तो तू कैसे अब तक लॉयर बन गई होती, और यही सोच लेना की तू मेरा केस लड़ रही है और तुझे लॉयर बनने के लिए एक्सपीरियंस मिल रहा है रुचिता यह बात मासूमियत और शरारती के मिले भाव से बोलती है ।
रितु बोली यह सब ना तुम तुम्हारा (अंजलि का)और आरती और माया की लाड नतीजा है ।इसे इतना सर पर चढ़ा रखे हो कि अब यह उतारने का नाम ही नहीं लेती इस वक्त रितु बहुत गुस्से में थी।
आरती बोली पर मैंने इसमें क्या किया है आरती अपने मासूमियत में से बोलता है।
रितु उसे घूरते हुए बोली यह तुम्हारा मासूमियत है ना यही वजह है रुचिता तुम्हारे सामने दो आंसुओं के बुंद क्या टपका देती है तुम तो उसके साथ अंशों के नदी है बहा ने लगती हो।
वह चारों लोग एक दूसरे से बातें कर रहे थे यूं कह सकते हैं कि लड़ रहे थे तभी आरती का फोन बज चुका है।
जिसकी वजह से चारों शांत हो जाते हैं।
आरती अपना फोन उठाती है और देखते हैं कि उसे अननोन नंबर से कॉल आया है तो वह एक बार तीनों लड़कियों को देखते हैं फिर अपने फोन को और अपना फोन तीनों को दिखाती है तो रितु से धीरे से बोलता है तू चिंता क्यों कर रही है फोन उठाओ और स्पीकर पर डाल।।
रितु की बात मानकर आरती फोन उठाती है और स्पीकर पर लगती है
फोन से एक आवाज आती है हेलो मैम क्या मैं मिस आरती राव से बात कर रही हूं।
आरती जवाब देती है जी हां मैं आरती ही बात कर रही हूं जी आप कौन है?
फोन की दूसरी तरफ से आवाज आती है जी मैं ऐ आर के कॉरपोरेशन से नेहा शर्मा बात कर रही हो जी आपने कुछ दिनों पहले इस कंपनी में इंटरव्यू दिया था तो आपको यह बताते हुए खुशी महसूस होती है कि आप इस इंटरव्यू में चुनी गई है तो आप कल से ज्वाइन कर सकती है।
नेहा की बात सुनकर आरती को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले।
तभी रुचिता बोलती है जी मैं मैं कल से जॉइन करूंगी।
इतना बोलकर नेहा को थैंक यू बोलकर कॉल कट कर देती है।
आरती रुचिता को आंखे बड़े कर कर देखती
बीच सड़क पर
एक टेंपो सड़क पर उल्टा पड़ा हुआ था और उसमें एक आदमी फंसा हुआ था उसे टेंपो के आस-पास भीड़ जमा हुआ था पर किसी ने भी उसे फंसे हुए आदमी को बाहर निकालने की कोशिश नहीं किया बस आसपास एक दूसरे के साथ यह चीला रहे थे कि कोई एंबुलेंस को फोन करो कोई पुलिस को फोन करो पर उसे टेंपो में फंसे हुए आदमी के पास कोई भी नहीं जा रहा था।
तभी एक बाइक बहुत स्पीड से आती है और उसे भीड़ को हटाकर उसे टेंपो के पास जाता है और टेंपो में चढ़ने की कोशिश करता है इस वक्त उसे आदमी के सर पर हेलमेट था और कपड़े पूरे को ब्लैक कोट से ढका हुआ था।
टेंपो बहुत बड़ा था जिसकी वजह से टेंपो के ऊपर चढ़ने में बहुत मुश्किल हो रही थी फिर भी वह आदमी धीरे-धीरे हिम्मत कर कर टेंपो के ऊपर चढ़ता है और दरवाजे को तोड़ने की कोशिश करता है ठक्कर वह सिर्फ दरवाजे का कांची तोड़ पता है जिससे वह धीरे-धीरे कर कर उसे फंसे हुए आदमी को बाहर निकलता है जैसे ही वह दोनों आदमी टेंपो से बाहर आते हैं भीड़ उन दोनों को टेंपो से दूर खींच कर ले जाती है दूसरा आदमी जिसने उसे घायल टेंपो वाले को बचाया वह टेंपल वाले को अपने बाइक के पास लेकर जाता है।
तभी एक धड़ाम आवाज आता है तो सब देखते हैं कि वह टेंपो आज के लपेटे में आ गया है।।
है।
कैसी होगी इंद्रजीत और माया की तीसरी मुलाकात कौन है वह बाइक वाला इंसान। क्या करेगी आरती आगे जाने के लिए बने रहिए पॉकेट नवल पर।
कहानी में अब क्या होगा जाने के लिए पढ़िए
❤️❤️❤️ इश्क की लाइब्रेरी❤️❤️❤️
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