पिछले चैप्टर हम पढ़ते हैं कि किस तरह से इंद्रजीत माया को वर्ण करता है कि अगली बार से वह लेट आएगी तो उसकी सैलरी काट लिया जाएगा और उसे बताता है कि कल उसे जल्दी आना है क्योंकि एक अर्जुन मीटिंग है और रोहन को एसिस्ट करना है होगा।
दूसरी तरफ इंदौर में आयांश कॉर्पोरेशन में इंद्र अपने कंपनी में दो आदमी से मीटिंग कर रहा था तभी उसके दरवाजे पर नोक होता है और उसका असिस्टेंट मनन सामने आकर उसे एक इंद्रजीत के बारे में इनफार्मेशन देता है कि इंद्रजीत राघव के साथ मीटिंग करने वाला है और उसके एक नई पिए है।
अब आगे
Ijk केकॉर्पोरेशन में रोहन और माया को कल के लिए तैयार करने के लिए वहां से भेज देता है उनके जाने के बाद वह अपने फोन में किसी को कॉल करता है
जैसे ही दूसरी तरफ से कोई कॉल उठाता है, इंद्रजीत अपनी कॉल वॉइस में बोलता है मैं तुम्हें एक लड़की की तस्वीर भेज रहा हूं उसे लड़की के साथ आज क्या हुआ है मुझे आज रात तक अपडेट करो इतना बोलकर वह कॉल कट कर देता है।
इंद्रजीत कॉल करने के बाद अपने आप में कुछ सोचता है और अपने चेयर पर जाकर बैठता है फिर एक फाइल खोलकर अपने लैपटॉप में कुछ करने लगता है।
रोहन के केबिन में रोहन और माया केबिन में एक दूसरे के आमने-सामने बैठे थे रोहन माया को कल की मीटिंग के बारे में बता रहा था।
माया रोहन की बातें बड़ी गौर से सुन रही थी।
जैसे ही मोहना आती है तो वह सब लोग कुछ देर बातें करते हैं और मोहना आरती को लेकर बाइक पर घर के लिए निकल जाती है रितु रुचि अंजलि हॉस्टल के लिए।
रानें निवास
इस वक्त घर में रेणुका जी शाम की पूजा की तैयारी कर रही थी उन्हें दहन आता है कि वह पूजा के सर इनफॉरमेशन कल्याणी जी को देना है।उन्होंने पूजा के लिए किसको बुलाया है क्या-क्या किया है एक्स्ट्रा चीज।
उसके बाद वह कल्याणी जी के रूम में जाती है और उन्हें बता देती है कि उन्हें पूजा की सारी तैयारी की है और लोगों को नेवता भी देकर आई है।
ऐसे ही शाम हो जाती है और माया घर आ जाती है।
इस वक्त माया के चेहरे पर परेशानी दिखाई दे रही थी वह जैसे आती है वैसे ही अपने बैक को सोफे पर फेंक कर सोफे पर ले जाती है क्योंकि वह आज सच में बहुत थक चुकी थी।
माया को इस तरह देखकर रेणुका जी माया के लिए पानी लाती है और उसे बोलता है कि वह फ्रेश हो जाए और चाय बनाती है।
रेणुका जी की बात मानकर माया फ्रेश होने चली जाती है। जैसे ही वह फ्रेश होकर आती है तो रेणुका जी उसे चाय देती है और साथ में बिस्किट जिसे देखकर माया की सारी थकान छूमंतर हो जाती है।
अब तक रात के 8:30 बज चुके थे सभी घर वाले पूजा के लिए तैयार हो गए हैं।
माया रेणुका जी से बोलती है की आरती करना शुरू कर दों । (क्योंकि माया इसको कितनी थक चुकी थी उसे नींद आ रही है )
रेणुका जी बोली जरूर रुको वह मैंने किसी को बुलाया है वह लोग आ जाए उसके बाद आरती करेंगे।
इस बीच माया ने कल्याणी जी से एक बार भी बात नहीं की है।
कल्याणी जी अपनी पोती को घूर कर देख रही थी और मन में बोली बिल्कुल अपने अजोबा पर गई है वही गुस्सा और वही एटीट्यूड। इतना बोलकर वह अपना मुंह बनाती है।
तभी दरवाजे पर रितु रुचि आरती अंजलि मोहन खड़े थे। इस वक्त रितु रुचिता और अंजलि के हाथों में बैग्स है।
माया पहले तो हैरान रह जाती है कि वह इन सबको इस टाइम में घर पर देखकर फिर उसका ध्यान बाग के पास जाता है समझ नहीं आता है कि वह लोग बैग क्यों लेकर आए हैं।
माया अपनी सोच में घूमती की रेणुका जी उन 5चो लड़कियों को अंदर लाती है और बोलती है देखो मैं नहीं बुलाया है अब यह यही रहेगी तब तक जब तक तुम्हारे कॉलेज वापस रिए ओपन नहीं हो जाते।
रेणुका जी की बात सुनकर माया खुश हो जाती है क्योंकि उसे कहीं ना कहीं बुरा लग रहा था कि आरती मोहन और वह तीनों अपने-अपने घर पर त्योहार को सेलिब्रेट करेंगे पर यह तीनों रुचिता अंजलि और रितु कॉलेज के हॉस्टल में ही रहेगी।
माय खुश होकर रेणुका जी के गले लगा कर बोली थैंक यू थैंक यू सो मच आई आपको मेरे दिल की हालत कैसे पता चल जाता है।
रेणुका जी माया को अपने आप से थोड़ा दूर करते हुए बोली यह आइडिया मेरा नहीं मम्मी जी का है।
रेणुका जी की बात सुनकर माया एक झलक कल्याणी जी को देखते हैं और खुश होते हुए बोली थैंक यू सो मच आजी की मैंने आपको माफ कर दिया।
माया की बात सुनकर कल्याणी जी को समझ नहीं आता कि वह क्या बोले क्योंकि वह माया को मनाना चाहती थी और उसे सॉरी बोलना चाहती थी पर अपनी आदत से मजबूर हुआ नहीं बोल पाती तो वह यह सरप्राइज में आया के लिए प्लान करती है।
तभी पंडित जी आते हैं और पूजा के लिए आरती करना शुरू कर देते हैं।
Aarti song Durge durgat Bhari
दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी
अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी
वारी, वारी, जन्म-मरणाते वारी
हारी पडलो आता संकट निवारी
जय देवी, जय देवी महिषासुरमर्दिनी
सुरवर, ईश्वर वरदे तारक संजीवनी
जय देवी, जय देवी महिषासुरमर्दिनी
सुरवर, ईश्वर वरदे तारक संजीवनी
जय देवी, जय देवी...
त्रिभुवन भुवनी पहाता तुज ऐसे नाही
चारी श्रमले, परंतु न बोलवे काही
साही विवाद करीता पडलो प्रवाही
ते तू भक्तालागी पावसी लवलाही
जय देवी, जय देवी महिषासुरमर्दिनी
सुरवर, ईश्वर वरदे तारक संजीवनी
जय देवी, जय देवी...।(आरती सॉन्ग सर्च बाय गूगल)
जैसे ही आरती खत्म होती है सभी लोग प्रसाद लेते हैं और प्रसाद को कहते हैं।
उसके बाद माया और उसकी गर्ल्स गैंग गली में जाते हैं जहां पर वहां की लोकल औरतें भठुकम्मा खेल रहे हैं।
वह लोग भी उनके साथ ज्वाइन हो जाते हैं।
ऐसे ही मस्ती करते-करते वह लोग डिनर कर कर सो जाते हैं।
इंद्रजीत के घर पर।
इंद्रजीत रोहन और अभय तीनों डिनर कर रहे थे की तभी रोहन अभय को आज ऑफिस में क्या हुआ वह सब बता देता है जिसे सुनकर अभय को अपने कानों पर यकीन नहीं होता है कि इंद्रजीत ने एक लड़की के साथ ऐसी बचकानी हरकत करी है वह भी एक छोटी सी किसके लिए।
अभय रोहन की बात सुनकर अपना पेट पकड़ कर डाइनिंग टेबल पर ही हंसते लगता है क्योंकि उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह उसके दोस्त पर हंसी या रो।
इंद्रजीत उसे इस तरह से घर रहा था और बोला लगता है तुम्हें छुट्टी की जरूरत नहीं है कम करो कल से तुम इंद्रजीत इतना ही बोला था कि अभय अपनी हंसी रोक कर खाने पर कंसर्ट करते हुए बोला नहीं मुझे छुट्टी की बहुत जरूरत है छुट्टी मत काटना इतना बोलकर चुपचाप खाना खाना लगता है।
इंद्रेश चौहान की तरफ देखते हुए बोला और तुम्हें गॉसिप करने का इतना शौक है तो कल से ऑफिस आना बंद कर दो।
रोहन बोल आई एम सॉरी बॉस।
उसके बाद तीनों चुपचाप खाना खा रहे थे पर अभय अपनी आदत से मजबूर इंद्रजीत से बोलता है अगर मैं तेरी जगह होता तो मैं खुशकिस्मत समझना खुद को किसी लड़की ने मुझे सामने से आकर किस किया है। पर तुम इतनी अजीब हो कि होटल से बच्चे किसके लिए बिचारी लड़की को इतना परेशान कर रहा हो।
रोहन अभय से बोलता है अभय भाई वह लड़की भी दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है आपको पता है अगर रेयर ब्यूटी का अवार्ड होता तो वह लड़की जरूर जीत जाती।
वह आजकल की लड़कियों की तरह नहीं है, पर हां थोड़ी सी चाबी है पर उसे वह छबीनेस और भी अट्रैक्टिव बनती है।
रोहन और अभय को माया किस तरह से तारीफ करते देखा इंद्रजीत अपनी मुट्ठियों को भेज लेता है और चम्मच को जोर से पटकते हुए बोला तुम लोगों को चुपचाप से खाना खाने नहीं आता है क्या तब से देख रहा हूं बकवास पर बकवास कर रहे हो इतना बोलकर वह वहां से चला जाता है।
इंद्रजीत को ऐसे गुस्से करते देखकर आप भाई और राहुल को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उन्होंने ऐसा क्या किया है।
इंद्रजीत अपने कमरे में आता है और अपने शर्ट को निकाल कर बेड पर फेंक देता है और वॉशरूम में जाता है और शॉवर ऑन कर देता है इस वक्त इंद्रजीत के शरीर पर ठंडा ठंडा पानी पड़ रहा है इंद्रजीत अपने गुस्से को शांत कर रहा है।
इंद्रजीत शावर के नीचे बीते हुए अपने आप से बोल की क्या हो रहा है मुझे क्यों मैं उसे लड़की की तरफ इतना खिंचाव महसूस कर रहा हूं क्या किसी के दो मुलाकात में इतना खिंचाव महसूस होता है क्या?
आखिर क्यों मुझे उसे लड़की के आसपास होने पर अपनापन लगता है आखिर क्यों मेरा दिल उसके सामने होने से धड़कने लगता है।
यह जो मेरे पूरी जिंदगी में मुझे फिलिंग्स नहीं आई है वह क्यों उसे लड़की के लिए आ रही है इतना बोलकर बाथरूम के दीवार पर मुक्का मारने लगता है।
आगे कहानी में क्या होगा जाने के लिए पढ़िए इश्क़ की लाइब्रेरी