episode 41
recap
पिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि सांची, कश्यप, राम जी और सिद्धार्थ जी का एक्सीडेंट होता है,तो शिवाय और वनराज चारों को अस्पताल ले आते हैं जहां पर कश्यप की हालत इतनी बुरी नहीं थी पर बाकी तीनों को ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट किया था। वनराज सबको एक्सीडेंट के बारे में बता देता है जिसे सुनकर मल्होत्रा ,शर्मा और कपाड़िया s हॉस्पिटल आ जाते हैं। sabki buri halat dekhkar Shivay cafeteria jakar sabke liye Na chai coffee Pani ko order kar kar emergency ward ki taraf ले Ja hi raha tha ki. vah samne se Aarohi Tarun Arya , aur kairav Ko aate dekhta hai.
अब आगे
जैसे ही शिवाय सबको देखता है तो ,उसे पहले कुछ समझ नहीं आता है।लेकिन जैसे ही आर्य को तरुण की गोद में रोते हुए देखता है फिर उसकी नजर संवि पर जाती है जो स्ट्रेचर पर बेहोश लेटी थी।
तो उसके हाथों से चीज़ें गिर जाती है। वह जल्दी से दौड़ कर संवि के पास जाता है और उसे उठाने की कोशिश करता है। उसे समझ नहीं आ रहा था कि सुबह तो उसकी बेटी इतनी उछल कूद कर रही थी अब ऐसे स्ट्रेचर पर क्यों लेटी है?
इस वक्त शिवाय की हालत कांटों ने तो खून जैसी हो गई थी।
तभी एक डॉक्टर आती है, संवि को चाइल्ड इमरजेंसी में ले जाते हैं उनके पीछे-पीछे शिवाय तरुण आरोही दोनों बच्चों को भी ले जाते हैं।
इस वक्त संन्नवि का पूरा शरीर लाल हो चुका था।
डॉ संन्नवि को अंदर ले जाते हैं, शिवाय भी अंदर जाने की कोशिश करता है पर डॉक्टर अंदर आने नहीं देते हैं तो तरुण शिवाय को पीछे खींचकर डॉक्टर को इलाज करने का बोल देता है।
तो डॉक्टर वार्ड का दरवाजा बंद कर कर सन्नवी का इलाज करना शुरू करते हैं।
दरवाजे को बंद देखकर शिवाय को समझ नहीं आ रहा था वह क्या करें तो ,वह पीछे मुड़कर आरोही और तरुण से सवाल करता है कि संवि की ऐसी हालत कैसी हो गई? यह सवाल शिवाय बड़े गुस्से में पूछता है लेकिन आरोही और तरुण समझ जाते हैं कि यह शिवाय का गुस्सा नहीं दर्द है।
तो आरोही धीरे-धीरे कर कर शिवाय के सामने आती है और उसे बताती है कि।
फ्लैशबैक
जब आरोही और तरुण अपनी सगाई की शॉपिंग करने के लिए जा रहे थे तो वह देखते हैं कि पार्क में बच्चे लड़ाई कर रहे हैं जिसकी वजह से वह कर को रोक कर पार्क के अंदर जाते हैं और सारा मैटर समझ कर बच्चों का झगड़ा सॉल्व करते हैं।
उसके बाद आरोही आर्य के करीब बैठकर उसे शांत करवाती है और बच्चों से पूछती है कि क्या वह लोग पार्क में अकेले आए हैं या कोई उनके साथ आया है ।।
तो संन्नवि मासूमियत के साथ बोली मिस ब्यूटीफुल गार्ड अंकल आए हैं। पर वॉचमैन अंकल ने गार्ड अंकल को अंदर आने की परमिशन नहीं दी है तो वह बाहर खड़े होकर हमारा वेट कर रहे हैं। जिसे सुनकर आरोही कुछ देर के लिए खामोश होती है । कुछ देर तक वह तीनों बच्चों के साथ मस्ती करती है तरुण भी उसका साथ दे रहा था पर तरुण आरोही को फिर से याद दिलाता है कि अगर वह लोग जल्दी शॉपिंग मॉल नहीं गए तो उनकी शॉपिंग नहीं हो पाएगी जिसे सुनकर आरोही परेशान हो जाती है ।
क्योंकि उसकी मन बच्चों को यहां अकेले छोड़कर जाने का नहीं करता है।
तरुण उसके एक्सप्रेशन समझ जाता है। आरोही को बच्चों के साथ और ज्यादा वक्त बिताना चाहती है, तो वह शॉपिंग कैंसल कर कर बच्चों के साथ खेलने लगता है कुछ देर बाद संन्नवि ,आर्य तरुण के साथ भी घुल मिल जाते हैं।
कुछ देर खेलने के बाद संवि को भूख लगती है तो वह आरोही को बताती है की, उसे भूख लगी है यह सुनकर तरुण और आरोही बच्चों को पास के कैफेटेरिया में ले जाते हैं, जाने से पहले तरुण ने इशिता जी को कॉल कर कर बताया था कि वह बच्चों को कैफेटेरिया लेकर जा रहे हैं तो इशिता जी जाने के लिए हां बोल देती है उसके बाद वह लोग कैफेटेरिया चले जाते हैं।।
ट्यूलिप कैफेटेरिया।
यह कैफेटेरिया थोड़ा सा बड़ा था और इस कैफेटेरिया का थीम ग्रीनरी था जिसकी वजह से हर जगह छोटे-छोटे पौधे लगाए हुए थे यह पूरा कैफेटेरिया शीशे और मार्बल से बना हुआ था।
इस समय कैफेटेरिया में भीड़ ज्यादा नहीं था। तरुण और आरोही बच्चों को लेकर अंदर जाते हैं और एक विंडो सीट के पास 5 पंचों बैठ जाते हैं।
तरुण सबसे पूछता है कि वह क्या-क्या खाना चाहते हैं तो सब लोग अपनी अपनी पसंद का आर्डर देते हैं, संवि आर्य और आरोही मिल्क शेक, पिज़्ज़ा और मोमो का आर्डर देते हैं तो कौरव और तरुण चॉक्लेट मिल्क्षाके, बर्गर का आर्डर देते हैं। वेटर उनका ऑर्डर लिखकर वहां से चला जाता है।
कुछ देर तक वह लोग ऑर्डर आने का इंतजार करते हैं पर ऑर्डर नहीं आता है तो तरुण चेक करने जाता है कि आखिर इतना देर से आर्डर क्यों नहीं आया है। कुछ मिनट बाद तरुण वापस आता है और बोलता है कि ऑर्डर आने के लिए टाइम है तब तक के लिए तुम लोग यह आइसक्रीम खाओ।
इतना बोलकर वह सबको आइसक्रीम देता है।
वह लोग आइसक्रीम खाना शुरू करने ही वाले थे कि तब तक वेटर उनका आर्डर ले आता है।
तो वह लोग आइसक्रीम को साइड रख कर अपना अपना मिल्क शेक और पिज़्ज़ा, बर्गर और मोमो खाना एंजॉय करते हैं। लेकिन संन्नवि का मन आइसक्रीम खाने का करता है तो वह पहले आइसक्रीम खाना शुरु करती है।
सभी लोग मस्ती मजाक में फूड एंजॉय कर ही रहे थे कि संवि एकदम से आरोही के गोद में गिर जाती है जिसे देखकर आरोही घबरा जाती है और चिल्लाती है।
वह जल्दी से संवि को सही से अपने गोद में एडजस्ट कर कर उसे उठाने की कोशिश करते हैं पर वह उठती नहीं है, तो वह संन्नवि को ठीक से देखती है तो उसके शरीर पर लाल दाने नजर आ रहे थे जो किसी चीज के एलर्जी के सिम्टम्स थे।
इसे देखकर आरोही और भी ज्यादा परेशान हो जाती है इस वक्त आरोही के चेहरे पर घबराहट साफ-साफ नजर आ रहा था उसकी आंखों में आंसू भी आ गए थे तरुण आरोही को संभाल रहा था और साथ में संवि को होश में लाने की कोशिश करता है पर वह होश में नहीं आती है तो वह लोग बिना देरी करें हॉस्पिटल के लिए निकल जाते हैं।
फ्लैशबैक end.
present time.
उनकी बातें सुनकर शिवाय को समझ नहीं आता है कि वह क्या बोले तभी डॉक्टर व्हाट से बाहर आती है और पूछती है कि......... क्या बच्ची को किसी चीज से एलर्जी है ,क्या?
जीसे सुनकर शिवाय घबराकर बोलता है..... इस डॉ संवि को बादाम से एलर्जी है।
शिवाय की बात सुनकर डॉक्टर बोली मुझे लगा ही था कि पेशेंट को किसी न किसी चीज की एलर्जी ही है क्योंकि उनके शरीर पर एलर्जी के निशान साफ साफ दिखाई दे रहे हैं। (इतना बोलकर वह फिर से वार्ड के अंदर चली जाती है)
डॉक्टर की बात सुनकर तरुण को याद आता है कि उसने तो ड्राई फ्रूट आइसक्रीम लाया था अब उसे समझ आ गया था कि संन्नवि की ऐसी हालत कैसी हो गई है।
इससे पहले वह शिवाय को कुछ सफाई दे पाता शिवाय आर्य की तरफ मुड़ता है और घुटनों के बल बैठकर गुस्से से पूछता है क्या खाया था तुम लोगों ने?
जिसे सुनकर आर्य पहले तो घबराता है फिर डर कर जवाब देता है....dad ह....हम.. हमने तो पिज़्ज़ा मोमो और मिल्कशेक खाया था और दी ने तो सिर्फ आइसक्रीम खाया था।
जिसे सुनकर शिवाय आर्य को उसके हाथों से पकड़ते हुए बोला ध्यान से याद करो तुम लोगों ने और कुछ खाया है खासकर ऐसी चीज जिसमें आलमंड होता है।
आर्य सोच रहा था पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि उन लोगों ने ऐसा क्या खाया था जिसमें आलमंड हो सकता है, तभी आरोही बोली आइसक्रीम ।।।
आई थिंक आइस क्रीम में बादाम था।
जिसे सुनकर शिवाय एक नजर आरोही को देखता है, और फिर अपनी नजरों को आर्य की तरफ करते हुए बोला कितनी बार बताया है कि तुम्हें और दी को आलमंड या आलमंड से जुडी हुई चीजों को नहीं खाना है, कितनी बार कहा है कि आलमंड तुम दोनों के लिए सही नहीं है। तुम्हें हर बार बताया था कि जब भी मैं तुम्हारे या दि के पास ना रहूं तो तुम्हें ,अपना और अपनी दी का ख्याल रखना है।
आर्य संवि की हालत देखकर पहले से ही डरा हुआ था पर शिवाय के गुस्से से वह और भी ज्यादा डर जाता है और वह रोना शुरू कर देता है।
आर्य को ऐसे रोते देखकर और शिवाय को अपना गुस्सा आर्य पर निकलते देखकर आरोही बीच में आती है और आर्य को गले लगाती है। शिवाय को देखकर बोलती है.....तुम्हें दिखाई नहीं दे रहा है क्या पहले सेही बच्चा रो रहा है।
तुम इस पर अपना गुस्सा निकाल रहे हो , वह पहले से ही डरा हुआ है और तुम उसे और डरा रहे हो तुम्हें समझ नहीं आ रहा है क्या। (आर्य को रोते देखकर इस वक्त आरोही भी गुस्से में आ जाती है और शिवाय को सुनाने लगती है।)
शिवाय से पहले कुछ बोल पाता तरुण बीच में आकर आरोही को आर्य को संभालने के लिए बोल देता है। और वह खुद शिवाय के पास जाकर उसका गुस्सा शांत करवाने की कोशिश करता है।
तभी वहां इशिता, वनराज और रुचिता आते हैं।
अस्पताल आने से कुछ देर पहले ही आरोही ने उन्हें फोन कर कर संवि के हालात के बारे में बताया था।
वह लोग जल्दी से आकर संन्नवि की हालत के बारे में पूछते हैं तो शिवाय उन्हें सब बता देता है जिसे सुनकर सब सा घबरा जाते हैं।
कौरव तो रुचिता को देखकर उसके कमर पर लिपटकर रोने लगता है क्योंकि वह भी बहुत डर गया था खासकर जब शिवाय ने आर्य को कितने जोर से डाटा था।
कौरव, रो रो कर सब कुछ बता देता है जो वहां कुछ देर पहले हुआ था जैसे ही वह लोग सुनते की शिवाय ने आर्य को बिना वजह डांट दिया है क्योंकि वह लोग भी जानते थे कि आर्य और संवि दोनों सिर्फ 5 साल के बच्चे हैं। अगर बच्चों के साथ कुछ हादसा होता है इसका मतलब यह नहीं है कि हम लोग बच्चों को डांट दे।
इशिता जी शिवाय को आर्य को ढटने पर सुनने वाली थी कि उन्हें आर्य की सिसकती हुए आवाज आती है........ जब दी ठीक हो जाएगी , मैं उन्हें बताऊंगा कि dad... ने मुझ पर चिल्लाया है और गुस्सा भी किया है, मैं उन्हें बताऊंगा कि वह दादा को पनिशमेंट दे।
आर्य यह सब आरोही के गले से लगाते हुए बोल रहा था।
अब शिवाय को भी पछतावा हो रहा था कि वह आर्य पर क्यों चिल्लाया इसमें आर्य की क्या गलती थी सारी की सारी गलती तो उसकी खुद की थी अगर वह बच्चों को अकेला नहीं छोड़ता तो यह सब होता ही नहीं।।।
तभी वहां वीरा आती है। तरुण को गले लगाती है और रोने लगती है, वीरा को ऐसे रोते देखकर पहले तरुण को कुछ समझ नहीं आता है तो, वह वीरा से पूछता है कि वह ऐसे क्यों रो रही है तो वह बताती है कि भाई पापा और राम अंकल का एक्सीडेंट हुआ है इस वक्त वह लोग ऑपरेशन थिएटर के अंदर है जिसे सुनकर आरोही और तरुण को एक बहुत बड़ा झटका लगता है।
तभी संवि के वार्ड से डॉक्टर बाहर आती है और बोलती है कि पेशेंट की हालत बहुत ही ज्यादा क्रिटिकल है हमें एक चाइल्ड एक्सपर्ट की जरूरत है..... जिसकी वजह से हमने शहर के बेस्ट चाइल्ड एक्सपर्ट को बुलाया है वह थोड़ी देर में आती है होगी तब तक के लिए आप लोग वेट कीजिए इतना बोलकर वह वापस से वार के अंदर चली जाती है।
क्या होगा कहानी में आगे जाने के लिए पढ़िए यह अगला चैप्टर।
सॉरी यार कल चैप्टर ना डालने के लिए पर मैं क्या करती मेरे आस-पास का एनवायरमेंट अभी ठीक नहीं है जिसकी वजह से मैं चैप्टर ऑन टाइम नहीं डाल पा रही हूं बट डॉन'टी वरी कोशिश करूंगी की जितने चैप्टर एक दिन में हो सके उतने डाल सकूं।
और हां आज का एपिसोड आपको कैसा लगा यह जरूर बताइएगा।
अगर आपको कहानी में कोई भी कमी लग रही है तो प्लीज बिना हिचकी चाहे बताइए।