रात्रि डरने लगी:
"कहीं ये मेरी कही हुई बातों का यहाँ तमाशा न बना दे...!
ये अगस्त्य मान है, ये कुछ भी कर सकता है।"
अगस्त्य:
"आप में से कोई मुझे पसंद करता है क्या?"
रात्रि (मन में):
"नहीं... प्लीज़ कुछ मत बोलना।"
अगस्त्य:
"लगता है कोई मुझे पसंद नहीं करता।"
मलिश्का:
"नहीं...! ऐसा नहीं है, I like you!"
अगस्त्य:
"Okay fine, सो तुम मेरी पार्टनर हो!"
मलिश्का खुश हो गई और बाकी सब शॉक्ड हो गए।
सब:
"क्या? पार्टनर...?!"
रात्रि थोड़ा चिढ़ गई और खुद से बोलने लगी:
रात्रि:
"पार्टनर...? हम्म... शक्ल देखी है इसने अपनी...?"
मलिश्का खुशी से:
"हाँ... हाँ... मैं तो कब से..."
अगस्त्य:
"हाँ तो मेरी पार्टनर मलिश्का है।
बाकी लोग परसों तक अपना-अपना पार्टनर चुन लेना।"
अर्जुन:
"मतलब?"
अगस्त्य:
"हमारे कुछ इन्वेस्टर्स परसों इंडिया आ रहे हैं,
तो उसके लिए Maan Mansion में इस मूवी के लिए पार्टी है।
अगर सब ठीक रहा तो हम इस मूवी का बजट बढ़ा देंगे।"
अर्जुन:
"अरे वाह! ये तो प्रोजेक्ट के लिए बहुत बड़ी गुड न्यूज़ है!"
अगस्त्य:
"मैं तो मलिश्का के साथ वहाँ एंट्री करूँगा।"
बस फिर क्या, उसने अपना फोन निकाला और वहाँ से निकल गया।
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एवी रात्रि से:
"तुम मेरे साथ चलो..."
रात्रि:
"पर कहाँ?"
अगस्त्य चोरी-छुपे उन्हें देखने की कोशिश कर रहा है...
वो उन्हें महल के पीछे एक जगह ले गया।
अगस्त्य भी उनका पीछा करने लगा।
अगस्त्य (मन में):
"ये इसे अकेले में कहाँ ले जा रहा है?
क्या करना चाहता है...?
अगर तूने उसे टच भी किया तो..."
फिर खुद ही बोला:
"कंट्रोल अगस्त्य... कंट्रोल...
तुझे उससे दूर रहना है और उसे आगे बढ़ने देना है..."
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एवी (एक्साइटेड होकर):
"क्या तुम मेरी पार्टनर बनोगी पार्टी के लिए?"
रात्रि:
"ठीक है..."
अगस्त्य (खुद से):
"मैं तो ऐसे ही सोच रहा था।
ये बस पार्टी के लिए पूछ रहा है,
शायद ये उतना भी बुरा नहीं है।"
इतना कहकर वो जाने लगा।
रात्रि भी जाने लगी,
तभी एवी ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोका...
अगस्त्य (रुकते हुए):
"अब क्या चाहिए इसे...?"
एवी:
"रात्रि, वो मैं... मैं वो...
मतलब मैं कहना चाहता था..."
रात्रि:
"क्या हुआ एवी? बोलो... तुम ऐसा क्यों बोल रहे हो?"
एवी (आँखें बंद करके एक झटके में):
"क्या तुम मेरे साथ कल डेट पर चलोगी?"
रात्रि और अगस्त्य दोनों शॉक हो गए।
रात्रि:
"क्या...?"
तभी अगस्त्य का फोन बजा
और एवी और रात्रि दोनों ने उसे देख लिया।
अगस्त्य (एक्टिंग करते हुए):
"Sorry, वो मैं नेटवर्क के चक्कर में यहाँ आया था...
You guys please continue..."
इतना कहकर उसने ऐसा दिखाया कि वो जा रहा है,
पर रात्रि उसे ही देख रही है जाते हुए।
एवी:
"अगर तुम्हें कोई प्रॉब्लम है तो कोई बात नहीं।
तुम मना कर सकती हो।"
रात्रि को अगस्त्य की कल की बातें याद आ गईं,
और अपसेट आवाज में बोली:
रात्रि:
"नहीं... मैं चलूँगी।"
इतना सुनकर जाते हुए अगस्त्य के कदम रुक गए।
रात्रि:
"मुझे टाइम और जगह बता देना।"
एवी (बहुत खुश होकर):
"नहीं, मैं खुद तुम्हें पिक करूँगा!"
अगस्त्य कुछ पल वहीं ठहरा और फिर दबे पाँव वहाँ से चला गया।
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Next Scene
अगस्त्य वहाँ वॉक कर रहा है।
अगस्त्य:
"ठीक तो है न... वो आगे तो बढ़ रही है
उन पुरानी यादों से..."
दूसरी तरफ रात्रि भी बाहर वॉक कर रही है:
रात्रि:
"I can't believe it कि मैंने उस अगस्त्य के चक्कर में एवी को डेट के लिए हाँ कर दी।"
वो खुद पर चिल्ला रही है:
रात्रि:
"पागल रात्रि... बेवकूफ रात्रि...
थोड़ा भी दिमाग नहीं है।"
और वो पीछे से टकराई।
रात्रि:
"कौन है यार..."
(मुड़ कर देखा तो अगस्त्य अपनी छह फुटिया बॉडी लेकर सामने खड़ा था)
रात्रि:
"तुम...?"
अगस्त्य:
"हाँ मैं... अपने बॉयफ्रेंड को एक्सपेक्ट कर रही थी क्या?"
रात्रि:
"शट अप!"
अगस्त्य (भड़ास निकालते हुए):
"वैसे मानना पड़ेगा,
जब-जब तुम उसे याद करती हो...
मुझे ही पाती हो।
या तो वो बहुत ही गैर-ज़िम्मेदार है या फिर मैं ओवर-ज़िम्मेदार!"
इससे पहले रात्रि कुछ बोलती,
एवी रात्रि को ढूँढते हुए वहाँ पहुँच गया।
एवी (हक़बकाते हुए):
"ओह... अच्छा तो तुम यहाँ हो..."
उसकी नज़र अगस्त्य पर पड़ी:
एवी:
"ये यहाँ क्या कर रहा है...?"
अगस्त्य:
"Don't worry... कुछ ऐसा वैसा नहीं कर रहा था।
But तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड पर ध्यान देना चाहिए।"
एवी (गुस्से में):
"क्या मतलब... तेरी हिम्मत..."
रात्रि:
"एवी, छोड़ो इसे... चलो हम चलते हैं।"
अगस्त्य:
"हम्म... go...
वैसे कल रात तो... हम्म... हम्म... हम्म...
मेरा गला... मेरा गला कल रात से ही खराब है।"
(उसने थोड़ा फिल्मी होने की कोशिश की 😄)
एवी:
"ये क्या बोल रहा है...?"
रात्रि:
"तुम लड़ना मत... प्लीज़ चलो यहाँ से।"
एवी थोड़ी दूर जाकर बोला:
एवी:
"क्या बोल रहा था वो...?
तुम मुझे बताती क्यों नहीं?
वो तुम्हें परेशान करता है न!"
रात्रि:
"ऐसा कुछ नहीं है...
अगर तुम्हारा शूट खत्म हो गया हो तो हम चले?"
एवी:
"बस दो सीन बचे हैं आज के...
मैं आता हूँ टेक देकर।"
रात्रि:
"हम्म..."
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दूसरी तरफ अगस्त्य का फोन बजा।
अगस्त्य:
"हेलो!"
जासूस (फोन पर):
"सर, मेरी पेमेंट नहीं आई।
मुझे थोड़ा अर्जेंट है।"
अगस्त्य (मन में):
"अरे यार... इस सब भागदौड़ में वेदिका को बोलना ही भूल गया।"
अगस्त्य:
"एक काम करो,
जो डॉक्यूमेंट हैं, उनकी सॉफ्ट कॉपी मुझे मेल कर दो।
मैं ये मैटर क्लियर करता हूँ।"
जासूस:
"Okay, सर।"
(कॉल कट)
अगस्त्य ने वेदिका को कॉल किया और उसकी पेमेंट का बोला।
अब अगस्त्य सोच रहा है:
अगस्त्य (मन में):
"पता तो चले कि तुम हो कौन?
उम्मीद करता हूँ मेरे शक फिजूल हों,
और तुम सच में एक अच्छे इंसान हो।"
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