अपने मन की बैटरी चार्ज कैसे करें? यह रोज डिस्चार्ज कैसे हो जाती है और यह कैसे चार्ज होती है ?
इसे हम मानसिक ऊर्जा को रिचार्ज करना कह सकते हैं। दिमाग की बैटरी को रिचार्ज करना यह कुछ अटपटा सा लग रहा होगा पढ़ने में लेकिन यह बहुत जरूरी है। जिस तरह से हमारे मोबाइल को टाइम टू टाइम चार्ज की आवश्कता होती है उसी प्रकार हमारे दिमाग को भी चार्जिंग की आवश्कता होती है।
अक्सर हम समझ नहीं पाते लेकिन नकरात्मक विचार हमारी ऊर्जा खींच लेते हैं और हमें कमजोर बना देते हैं। बैटरी चार्ज का मतलब भी इस ऊर्जा के कम होने को लेकर है। ऊर्जा के कम होने के कारणों को भी समझ लेते हैं...
जब हम किसी की कहीं बात या अपशब्दों को पकड़ कर बैठ जाते हैं और उन्हें ही पूरा दिन सोचते रहते हैं ऐसे नकरात्मक विचार हमारी ऊर्जा सोख लेते हैं। नकरात्मक विचारों को पकड़ कर बैठने और अधिक सोचते रहने से हमारी मानसिक ऊर्जा कम हो जाती है।
छोटी छोटी बातों के बारे में सोचते रहना, अधिक गुस्सा करना। बिना मतलब की बातों को मुद्दा बनाकर उनमें उलझे रहना। साथ ही अतीत की कड़वी बातों या दुखों को याद करके उनके बारे में बात करते रहना या उन पर विचार करते रहने से भी हमारी मानसिक शांति समाप्त हो जाती है।
दूसरों से अपनी तूलना करना। स्वयं को उनसे अधिक बेहतर या कमजोर समझ बैठना। लोगों पर अपनी सोच का जबरदस्ती प्रभाव जमाने की कोशिश करना और अगर वह आपके अनुसार नहीं बदलते तो क्रोधित हो जाना या अनावश्यक झगड़ों में पड़ जाना। लोगों को अनपेक्षित रूप से बदलने की कोशिश करना भी एक नकरात्मक ऊर्जा को जन्म देने जैसा ही है।
भविष्य की चिंता में डूबे रहना या अतीत में उलझे रहने से हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ता है। यह एक प्रकार की
नकारात्मक सोच होती है जो आपके भीतर चिंता की अग्नि ही जलाए रखती है।
ठीक से आराम किए बिना लगातार काम करते जाना जो आपके मन मस्तिष्क के साथ आपके शरीर को भी थका देता है। ऊर्जावान रहने के लिए पर्याप्त नींद, आहार और आराम की जरूरत होती है।
सोशल मीडिया और स्क्रीन पर ज़्यादा समय बिताना यानी डिजिटल ओवरलोड होकर दिन बिताना जो आपकी ऊर्जा को खींच कर आपको मानसिक रूप से कमजोर बनाने का कार्य ही करते हैं।
हर वक्त ऐसे माहौल में रहना जहां झगड़े होते हों। दूसरों की आलोचना होती हों और तनावपूर्ण माहौल बना रहता हो। साथ ही अनहेल्दी रिश्तों को बोझ बना कर जीते जाना। यह सब आपके मन की बैटरी को डिस्चार्ज करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
यह तो जान लिया कि हमारे मन की बैटरी कैसे डिस्चार्ज होती है। लेकिन यह कैसे चार्ज होगी इसके विषय में भी जानना आवश्यक है। जिस तरह से आपके मोबाइल की बैटरी उसे प्रयोग करने से समाप्त होने लगती है उसी प्रकार बुरे विचारों में उलझे रहने से हमारे मन की बैटरी भी समाप्त हो जाती है। जिसे चार्ज करना भी जरूरी है लेकिन कैसे ?
मन की बैटरी को चार्ज करने का सबसे अधिक और उपयुक्त समय होता है सुबह का। जब आप सुबह सोकर उठते हैं तो उस वक्त मस्तिक खाली होता है यानी अनगिनत विचारों को त्याग चुका होता है यही उपयुक्त समय होता है उसे सकारात्मक विचारों से भर देने का। यानी सुबह ध्यान करने से आपकी ऊर्जा यानी बैटरी फिर से चार्ज हो जाती है।
सुबह उठने के साथ यह विचार करना कि " मैं भाग्यशाली हूं, एक अच्छी आत्मा हूं जिसका कार्य दूसरों को खुश रखना है।, मैं एक शक्तिशाली और ऊर्जावान आत्मा हूं। मेरे लिए कोई भी कार्य करना मुश्किल नहीं है। मैं जो चाहे वह कर सकता/सकती हूं।" सुबह सुबह ऐसे विचार करते रहने से धीरे धीरे हमारी मानसिक ऊर्जा सकारात्मक होती ही है साथ ही हमारे आस पास का औरा भी शुद्ध होने लगता है।
दूसरी बड़ी बात हमें दिन भर काम करते हुए भी अपने विचारों का ध्यान रखना चाहिए ताकि कोई भी नकारात्मक ऊर्जा हमारी ऊर्जा को खींच कर समाप्त ना कर दे।
कभी कभी थोड़ा सा ब्रेक लें और अपना पसंदीदा काम करें जैसे म्यूज़िक सुनना, पढ़ना, लिखना, पेंटिंग करना, टहलना आदि ये सब ऊर्जा लौटाते हैं।
साथ ही प्रकृति के साथ समय व्यतीत करना भी जरूरी होता है। हरियाली, सूरज की रोशनी, ताजी हवा बैटरी रीचार्ज करती है।
स्वस्थ खानपान और पानी भी भरपूर मात्रा में पीना चाहिए जिससे शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी। शरीर ताज़ा रहेगा तो मन भी चार्ज रहेगा।
दोस्तों-परिवार से हंसी-मजाक करना सबसे तेज़ चार्जिंग है। यानी हैलदी रिश्ते आपके जीवन को ऊर्जावान बनाए रखते हैं इसलिए कोशिश करें कि अपने आप से जुड़े रिश्तों की इज्जत करें। सबको सम्मान दें।
डिजिटल डिटॉक्स भी करना बेहद जरुरी है। इसके लिए स्क्रीन से दूरी बनाकर रखें कुछ देर चुपचाप शांत होकर बैठें और स्वयं के साथ वक्त बिताए।
साथ ही भरपूर नींद लें जो आपकी ऊर्जा को रिचार्ज करने का काम करती है।
जितना जीवन जीना जरूरी होता है उतना ही मानसिक शांति अनुभव करना भी जरूरी होता है। मानसिक ऊर्जा जीवन में सफलता और खुशहाली का केंद्र बिंदु कहलाती है।
समीक्षा में अपने विचार व्यक्त करें।।