Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 17 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 17

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धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 17

जैसे ही सिमरन आकर ईशान के गले मिलने वाली होती है, उसे याद आता है कि ईशान भी उसकी फैमिली से मिला हुआ हो सकता है। तो वो दूर हट जाती है। ईशान को थोड़ा अजीब लगता है और वो पूछता है कि; 

ईशान - क्या हुआ दीदी, ऐसे पीछे क्यों हट गए आप? क्या आप मुझे देखकर खुश नही हो? 

सिमरन - तुम यहां पर कैसे आए ईशान? सिमरन ने उसके सवालों को इग्नोर करते हुए पूछा। 

ईशान - अब बस बहुत हुआ दीदी! मैं आपसे सब कुछ जानने आया हूं कि आखिर यह सब चल क्या रहा है? जब से मैं आया हुं, हर कोई अजीब behave कर रहा है। ऊपर से ऐसा लग था है, जैसे मैं अपने परिवार से नही, किसी अंजान परिवार से मिल रहा हूं। सब कुछ बदल गया है दीदी, आप भी यहां तक! और यह कहते कहते ईशान रूआंसा हो जाता है। हो भी क्यों ना, कबसे इतने झटके मिल रहे है उसे, और अब सिमरन का ऐसा behave देखकर तो उसे सच में बुरा लगा था, तो उसके इमोशन बाहर निकल ही गए। 

ईशान को इस तरह देखकर अब सिमरन को भी बुरा लगता है। लेकिन फिर भी वो अब इमोशनल नही होना चाहती थी। इसी कमजोरी का फायदा उठाते थे उसके घर वाले। तो वो सीधा ईशान से बोलती है कि; 

सिमरन - बोलो ईशान, तुम्हे क्या समझ नही आ रहा है। या फिर तुम यहां पर मुझे check करने आए हो।  

ईशान - दीदी, आप ऐसा क्यों बोल रहे हो, जैसे मैने कोई गलती की हो? वैसे भी नाराज तो मुझे आपसे होना चाहिए। ईशान ने innocent सा face बनाते हुए कहा। 

सिमरन कुछ बोलने वाली होती है, तब तक साहिल भी आ जाता है घर पर, और ईशान को देखते ही तानिया से इशारे से पूछता है कि यह कौन है? 

तानिया उसे पास जाकर धीरे से बता देती है कि यह सिमरन का भाई है। और उसके अलावा उसे कुछ भी नही पता है। 

साहिल और तानिया बस सिमरन और ईशान को देखे जा रहे थे। उन्हे उनके बीच में बोलना सही नही लगा। इधर सिमरन और ईशान में से किसी का भी ध्यान उन दोनों की तरफ नही गया क्योंकि उनके खुद के मन में बहुत कुछ चल रहा था। 

सिमरन - तुम मुझसे क्यों नाराज होगे लेकिन, उसे समझ नही आया तो उसने पूछ लिया।  

ईशान - मुझे सब बता दिया है घर वालो ने, कि आपने शादी कर ली है और मुझे बुलाया तक नही! और आपने ये शादी किसी को भी बिना बताए की है, है ना! क्या मैं आपका कुछ भी नही लगता हूं? और आपको ऐसे घर छोड़कर आने की क्या जरूरत थी भला? 

अब सिमरन को समझ आ गया था कि उसके घरवालों ने ईशान को कोई कहानी सुनाई है उसकी, और ईशान सच के बारे में कुछ भी नही जानता है। लेकिन फिर भी वो ऐसे भरोसा नही कर सकती थी, ईशान पर भी। 

सिमरन - ईशान तुम्हे घरवालों ने क्या बताया है, क्या तुम मुझे बता सकते हो? और सबसे पहले तो यहां बैठो,यह कहते हुए वो ईशान को सोफे पर बिठा देती है, और खुद उसके पास बैठ जाती है। 

ईशान - यही कि आपने शादी कर ली है और उन्हे इस बारे में कोई जानकारी नही है। अरे, मुझे याद आया कि किरण दीदी ने भी शादी कर ली है। लेकिन उसने इस विपिन से क्यों शादी की है, ईशान ने मुंह बनाते हुए कहा। और किरण दीदी शादी के बाद भी वही पर रहते है उस विपिन के साथ! लेकिन आप ऐसे यहां पर क्यों आ गए दीदी? और सभी आपसे नाराज क्यों है? 

इधर तानिया और साहिल को समझ आ गया था कि ईशान सब चीजों से अनजान है और उसे कुछ भी नही पता है, सिमरन और उसके घरवालों के बारे में! 

सिमरन - मुझे पता है कि तुम्हे भी विपिन नही पसंद है, लेकिन मुझे लगा कि तुम भी शायद नाटक ही कर रहे होंगे सभी की तरह। 

ईशान - कैसा नाटक दीदी,और कौन सब? आप बताओगे मुझे कुछ?

सिमरन - लेकिन तुम पहले यह बताओ कि तुम हम पर भरोसा करते हो? 

ईशान - बिल्कुल दीदी, आपको शक है क्या मुझ पर? आप बताइए कि आप क्या बोल रही थी। मैं जबसे आया हुं, यहां पर सब अजीब लग रहा है। देखिए दीदी, अब आपकी बातों से मुझे सच में घबराहट हो रही है, आप प्लीज बोलिए! 

फिर सिमरन अपने शादी वाले दिन से जितना भी कुछ हुआ था उसके साथ, वो सब ईशान को बता देती है। 

ईशान जैसे ही अपने घरवालों को सच्चाई सुनता है, उसे विश्वास ही नही होता है। वो सोच भी नही सकता था कि उसके घरवाले सिमरन दीदी के साथ ऐसा behave करेंगे। और विपिन से तो उसने बदला लेने की उसी समय ठान ली। 

ईशान मन ही मन में सोच रहा था, कि जरूर उस विपिन ने ही सबके दिमाग खराब किए होंगे। वो बहुत अच्छे से जानता था विपिन को, उसकी हिम्मत कैसे हुई सिमरन दीदी के साथ धोखा करने की! और किरण दीदी इतने बुरे होंगे, यह तो वो सोच भी नही सकता था। क्या उसके मम्मी पापा, सिमरन दीदी को प्यार नही करते है? क्या वो मुझे भी अपने फायदे के लिए ही इस्तेमाल कर रहे है। उसके मन में बहुत सारे सवाल आ रहे थे। 

सिमरन - मैने बचपन से ही सब कुछ इग्नोर किया इसलिए उनकी हिम्मत बढ़ी ईशान, अगर आज साहिल नही होता तो शायद मैं जिंदा भी नही होती। 

ईशान - Iam soo sorry दीदी! अगर मैने आपके साथ हो रहे बर्ताव पर शुरू से ध्यान दिया होता, तो शायद उस दिन आपकी जान खतरे में नही होती। आपने इतना कुछ अकेले face किया है दीदी, और मैं वहां पर मजे में इन सभी बातों से अनजान था। एक बार भी मैंने जानने की कोशिश नही की, कि यहां पर क्या चल रहा है। 

सिमरन - ईशान, तुम बुद्धू हो बिल्कुल! तुम्हे क्या पता था कि ऐसा होगा यहां पर! उसमे तुम्हारी क्या गलती है कि मैं ही दूसरो के हाथों की कठपुतली बन गए। अब इतना मत सोचो उस बारे में। लेकिन हां ईशान, एक बात सुन लो! 

ईशान - क्या दीदी? 

सिमरन - अब मैंने अपने साथ जितना भी unfair हुआ है, उसका बदला लेने की ठानी है। मैं उन्हे ये एहसास करवाकर रहूंगी कि उन्होंने मेरे साथ बहुत बुरा किया है। इसलिए अगर तुम्हे मै गलत लग रही हूं, तो तुम बेझिझक कह सकते हो। मुझे पता है कि तुम मम्मी पापा और किरण को भी बहुत प्यार करते हो। इसलिए अगर तुम उन्हे सपोर्ट करना चाहो तो कर सकते हो।

ईशान - दीदी,आपने यह बोलकर सच में मेरा दिल दुखाया है। क्या आपको मैं बुरा इंसान लगता हूं? यहां पर बात सही और गलत की है, और मैने हमेशा सही का साथ दिया है दीदी। मम्मी पापा और किरण दीदी को अपने किए की सजा मिलनी ही चाहिए। और उस विपिन को तो मैं छोडूंगा नही, यह बोलते हुए ईशान को बहुत गुस्सा आ जाता है।

साहिल - सॉरी,लेकिन क्या मैं एक बात कह सकता हूं? 

ईशान - अरे जीजू, आप कब आए यहां पर, सॉरी मेरा ध्यान नही था। उसने उठकर साहिल से हाथ मिलाते हुए कहा। 

पर ईशान के इस तरह जीजू बोलने पर सिमरन और साहिल दोनो को थोड़ा अजीब लगता है क्योंकि उनके रिश्ते की असलियत वो खुद ही जानते थे। 

साहिल - तुम दोनो बात कर रहे थे तो मैंने बीच में डिस्टर्ब नही किया। मैं एक्चुअली पूछना चाह रहा था कि क्या तुम्हारे घरवालों को पता है कि तुम यहां पर सिमरन से मिलने आए हो? 

ईशान - नही, मैं तो बिना बताए आया हूं, लेकिन अब जाकर मुझे उनसे बहुत सारे सवालों का जवाब लेना है। ईशान गुस्से में बोला। 

सिमरन - ईशान अब गुस्सा मत करो और अपना माइंड रिलेक्स करो। 

साहिल - मुझे नही लगता है कि तुम्हे अभी उनसे कुछ पूछना चाहिए, और उन्हें ये पता नही लगने देना चाहिए कि तुम्हे सिमरन ने सब कुछ बता दिया है। 

सिमरन - हां, साहिल सही कह रहा है। तुम किरण और बाकी लोगो के सामने नॉर्मल ही behave करना ताकि उन्हें पता नही चले कि तुम्हे उनके बारे में सब पता है। इससे तुम safe भी रहोगे और विपिन और किरण आगे क्या प्लान कर रहे है, यह भी हमे तुम्हारे जरिए पता चल सकेगी। 

साहिल - इससे हम सिमरन पर मुसीबत आने से पहले ही उसका बचाव भी कर पाएंगे। और जल्दी से जल्दी सिमरन को इंसाफ दिलवा सकेंगे। 

तानिया जो इतनी देर से चुपचाप सभी की बातें सुन रही थी, वो बोलती है कि; 

तानिया - अरे, अब सारी strategy हो गई हो तो क्या हम सभी मिलकर लंच करे।  

सिमरन - हां, ईशान आओ, कितने दिन बाद अपन साथ में खाना खायेंगे। तुम्हे पता है मैने बहुत miss किया तुम्हे! सच कहे तो मुझे लगा कि तुम भी किरण की तरह कही मुझे धोखा  तो नही दे रहे हो। 

ईशान - मैं आपका साथ कभी नही छोडूंगा दीदी। अब आपको कोई तकलीफ नही देने दूंगा, मैं उन लोगो को! मुझे तो बस कारण जानना है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया? क्या गलती थी आपकी दीदी, जो उन्होंने इतना बुरा किया आपके साथ! 

सिमरन - ईशान, छोड़ो वो सब! तुम आओ,अपन खाना खाते है। 

साहिल - हां ईशान, सिमरन के साथ जितना बुरा होना था, हो चुका! अब मैं सिमरन के साथ कभी कुछ बुरा नही होने दूंगा। 

तानिया और ईशान को साहिल वो चेहरे पर दृढ़ निश्चय दिख रहा था। लेकिन सिमरन को लगा कि साहिल ने ईशान को console करने के लिए ऐसा कहा है, इसलिए उसने माइंड नही किया। लेकिन साहिल को खुद नही पता कि उसने ऐसा क्यों कहा, लेकिन उसने झूठ नही बोला था, यह बात वो खुद अच्छे से जानता था। 

तानिया - चलो भी अब,मुझे तो बहुत जोर से भूख लगी है। फिर सब हंसते है और खाना खाने चले जाते है।

क्रमश: