(पूजा के बहाने से रोककर आद्या की नाग शक्ति को जगाने की विधि शुरु होती है। लेकिन आद्या की नज़र में उसके पास कोई शक्ति नहीं। आद्या मानव है, पता चलने पर वह मार दी जाएगी । इस डर से आद्या और अतुल्य नाग धरा से भागने की कोशिश करते हैं। लेकिन पकड़े जाते हैं। आद्या आवाज उठाती है पर विराट उसे सम्मोहित कर देता है। अतुल्य को वनधरा भेज आद्या को वापस नाग धरा ले आता है और अब आगे)
विवाह प्रस्ताव
पूरा नागधरा लोक स्तब्ध था।
विराट ने आद्या को अपनी बाँहों में उठाया और महल की ओर चल पड़ा। राह में जितने भी नाग सैनिक और नाग सेविकाएँ दिखे, सबने सिर झुका लिया — लेकिन उनकी आँखों में आश्चर्य, भय और मौन प्रतिरोध था।
विराट उसे सीधे अपने कक्ष में ले गया।
नरम बिस्तर पर आद्या को बैठाते हुए वह झुका और मुस्कुराया। आद्या की आँखों में एक अजीब-सा सम्मोहन तैर रहा था।
"तुम कौन हो?" विराट ने नरमी से पूछा।
आद्या की दृष्टि शून्य थी — वह सम्मोहित थी।
"आपकी सेविका," उसने यंत्रवत् उत्तर दिया।
"नहीं," विराट मुस्कुराया, "मेरी प्रेमिका। अब बोलो, कौन हो तुम?"
"तुम्हारी प्रेमिका।"
"क्या करोगी?"
"जो तुम कहो।"
"तो मेरे होंठों को अपने होंठो से..." —
लेकिन तभी—दरवाज़ा धड़ाम से खुला। नागगुरु चैतन्य भीतर आए और एक जल-पात्र से जल आद्या पर फेंका। आद्या वहीं बेहोश हो गई।
"यह क्या कर रहे हो, नागराजपुत्र?" चैतन्य गरजे।
विराट ने नजरें चुराई। "गुरुदेव... हम प्रेम करते है इससे... और उसे पाना चाहते हैं।"
"प्रेम?" चैतन्य की आंखें चमक उठीं, "क्या किसी कन्या को सम्मोहित करके उसे बंदिनी बनाना प्रेम है? यह नागधरा की परंपरा नहीं।"
गुरु के शब्द, वज्र की तरह गिरे। विराट कुछ पल चुप रहा, फिर बोला, "मैं उसे अब सम्मोहित नहीं करूंगा... लेकिन वह यहीं रहेगी, मेरे पास।"
गुरू चैतन्य बाहर चले गये।
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कुछ समय बाद... आद्या को होश आता है।
वह चौंककर उठती है — unfamiliar surroundings.
"यह किसका कक्ष है?" इधर उधर देखा
"हमारा," बाहर से आते हुए विराट ने कहा।
आद्या को याद आता है — चांटा, भागना, पूंछ से पकड़ना।
वह दौड़कर बाहर निकलना चाहती है लेकिन विराट की नाग पूंछ उसे रोक जकड़ लेती है।
आद्या ने खुद को छुड़ाने की इस कोशिश की "क्या चाहते हो मुझसे?"
विराट ने उसे कहा "अगर डरोगी या भागोगी नहीं तो हम आराम से काम कर सकते हैं?"
आद्या ने खुद को शांत करने की कोशिश की। जैसे वह आद्या शान्त हुई, विराज की पकड़ भी ढीली होती गयी।
विराट ने शांति से कहा "तुम एक शक्ति खोई नागकन्या हो और मैं परम शक्तिशाली नाग।"
आद्या को जैसे फर्क नहीं पड़ा "तो।"
विराट ने कहा -"कुछ महीने बाद हम नागराज होंगे नाग धरा के।"
आद्या ने हैरानी से कहा "ये सब मुझे क्यों बता रहे हो?"
"हम विवाह करना चाहते हैं तुमसे।"
आद्या स्तब्ध थी। बाहर से शांत, भीतर से बवंडर।
"ठीक है," उसने सपाट स्वर में कहा और अपने कक्ष में लौट गई।
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विराट के कक्ष में नाग गुरू चैतन्य आते हैं। आद्या अभिवादन के लिए हाथ जोड़ती है।
गुरु चैतन्य कहते हैं "आयुष्मती भव। अब आप नाग धरा की नाग रानी बन जाएगी। परंतु"
"परंतु, परंतु क्या?" आद्या ने हैरानी से कहा।
"परंतु क्या आप इस विवाह से खुश हैं?" गुरु चैतन्य ने आद्या की तरफ देखकर कहा।
"आपके भावी नागराज खुश हैं। मैं खुश हूं या नहीं , इस बात से क्या फर्क पड़ता है? पड़ता है क्या?" यह करके वह शून्य की ओर घूरने लगती है।
गुरु चैतन्य कमरे से बाहर निकल जाते हैं और कहते हैं "यह विवाह नहीं हो सकता?"
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दृश्य परिवर्तन — वनधरा, नाग रानी का महल
अपने कमरे में आराम से बैठी हुई गुनगुनाती हुई नाग रानी । तेजी से कमरे में बढ़ता हुआ नाग गुरू प्रवेश करता है।
"यह सब क्या हो रहा है, नागरक्षिका संकट में है और आप यहां आराम से बैठी है। चलिए नाग धरा लोक में आक्रमण करना होगा।"
नाग रानी ने बिना किसी तनाव से खड़ी हुई और आइने में खुद को देखती हुई " आपसे पहले भी कह चुकी है -अब वह नाग रक्षिका नहीं, एक साधारण लड़की है और वैसे भी नाग धरा लोक हमसे ज्यादा शक्तिशाली है और हमारे मध्य मैत्री संबंध स्थापित हो रहे हैं। और एक साधारण लड़की के लिए अपने लोक के युद्ध में झोंकना सही नहीं। "
नाग गुरु ने गुस्से से चिल्लाया "सही और ग़लत की बात आप कर रही है आप...जिसने गलती से नागरक्षिका की..." "खबरदार ,अगर दोबारा इस बात को छेड़ा तो... एक बात जान लीजिए। वह लड़की हमारे किसी काम की नहीं। उसे बचाने से वनधरा को कोई लाभ नहीं।" नाग रानी गुर्राई।
" लाभ नही, बहुत बडी़ हानि होगी वनधरा को अगर आपने कोई कदम नहीं उठाया।" गुरु ने नागरानी को चेताया।
नाग गुरु आगे बोला " आप भूल गयी है कि नागरक्षिका की शक्ति मिटी नहीं है, केवल सुप्त है। अगर नागराज पुत्र ने नाग रक्षिका से विवाह कर समागम किया तो न केवल विराट की सबसे शक्तिशाली नाग होगा, बल्कि नाग रक्षिका की भी शक्तियां बढ़ जाएगी। और अगर नाग रक्षिका की सुप्त शक्तियां अगर नाग धरा में लौटी तो वह नाग धरा की नाग रक्षिका हो जाएगी और आद्या से सबसे ज्यादा शक्तिशाली नाग रक्षिका कोई नहीं। तो बात मानिए और नाग रक्षिका को वनधरा लाने की सोचिए।" नाग रानी सोच में पड़ गयी। नाग गुरू कक्ष से बाहर निकलने लगा। उसने एक बार फिर कहा "वैसे भी उसके परिवार के संकट में न मदद करके हम पहले ही नाग रक्षिका के साथ गलत कर चुके हैं। अगर अब भी कुछ नहीं किया तो सत्ता गई आपके हाथ से।"
नाग रानी ने नाग गुरु की ओर देखा। "आद्या इस विवाह के विरुद्ध है। उनकी शक्तियां तभी बढ़ेगी जब मिलन में दोनों की सहमति हुई।"
"और विराट ने आद्या को मना लिया तो...। आप भी जानती है कि विराट के लिए किसी लड़की को वश में करना मुश्किल नहीं।" यह कहके नाग गुरु कमरे से बाहर निकल गए और नाग रानी सोच में पड़ गयी ।
......
1. क्या विराट आद्या से विवाह करने में सफल होगा?
2. अतुल्य आद्या को बचाने के लिए क्या करेगा?
3. नाग रानी नाग धरा लोक में हमला करेगी?
4.आद्या क्या सचमुच खुद को विराट को सौंप देगी?
जानने के लिए पढ़िए "विषैला इश्क"।