गाँव और कुत्ता
बहुत समय पहले की बात है। एक छोटे से गाँव में एक भूखा कुत्ता रहता था। वह कई दिनों से इधर-उधर घूम रहा था लेकिन उसे अच्छा खाना नहीं मिला। एक दिन किस्मत से उसे एक कसाई की दुकान के पास एक हड्डी मिल गई।
वह हड्डी बड़ी और रसीली थी। कुत्ते ने सोचा –
“आज तो मज़ा आ जाएगा। मैं इसे कहीं सुरक्षित जगह ले जाकर शांति से खाऊँगा।”
कुत्ता खुशी-खुशी हड्डी को अपने मुँह में दबाकर घर लौटने लगा।
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🌉 पुल पर सफर
गाँव के बीचों-बीच एक छोटी नदी थी और उस पर लकड़ी का पुल बना हुआ था। कुत्ते को उसी पुल से होकर जाना था।
वह हड्डी मुँह में दबाकर पुल पर चढ़ा। नदी का पानी साफ़ था, और उसमें आसमान और आसपास की चीज़ों का प्रतिबिंब साफ़ दिखाई दे रहा था।
जैसे ही कुत्ता पुल के बीच पहुँचा, उसने पानी में झाँका। उसे अपनी ही परछाई दिखाई दी।
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😮 कुत्ते की भूल
कुत्ता चौंक गया। उसने सोचा –
“ओह! नीचे एक और कुत्ता है जिसके मुँह में हड्डी है। और वह हड्डी तो मेरी हड्डी से भी बड़ी लग रही है!”
लालच ने उसके मन को घेर लिया। वह सोचने लगा –
“अगर मैं उस कुत्ते से उसकी हड्डी छीन लूँ, तो मेरे पास दो हड्डियाँ हो जाएँगी। फिर मैं दोगुना मज़ा करूँगा।”
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🐶 मूर्खता और नुकसान
कुत्ते ने बिना सोचे-समझे ज़ोर से भौंकने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही उसने मुँह खोला, उसकी अपनी हड्डी नदी में गिर गई और पानी के तेज़ बहाव में बह गई।
अब उसके पास कुछ भी नहीं बचा।
कुत्ता हैरान होकर नीचे देखता रहा। परछाई भी गायब हो गई और हड्डी भी चली गई।
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🐾 कुत्ते का पछतावा
कुत्ता दुखी होकर बोला –
“हाय! मैं कितना मूर्ख हूँ। मेरे पास पहले से ही स्वादिष्ट हड्डी थी, लेकिन लालच के कारण मैंने उसे भी खो दिया। अगर मैं संतोष करता, तो आज भूखा नहीं रहना पड़ता।”
वह खाली मुँह और भारी दिल लेकर घर की ओर लौट गया।
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🗣 संवाद (कहानी को जीवंत बनाने के लिए)
कुत्ता (हड्डी पाकर): “वाह! यह तो बहुत स्वादिष्ट है। आज तो मज़ा आ जाएगा।”
कुत्ता (पानी में देखकर): “अरे! यह दूसरा कुत्ता कौन है? उसकी हड्डी तो बड़ी है।”
कुत्ता (लालच में): “अगर मैं उसकी हड्डी ले लूँ, तो मेरे पास दो हो जाएँगी।”
कुत्ता (हड्डी गिरने पर): “ओह! यह मैंने क्या कर दिया?”
कुत्ता (पछताते हुए): “लालच ने सब छीन लिया। मुझे संतोष करना चाहिए था।”
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🌟 कहानी से सीख (Moral of the Story)
1. लालच हमेशा विनाश का कारण बनता है।
2. जो हमारे पास है, उसका मूल्य समझना चाहिए।
3. संतोष में ही सच्ची खुशी है।
4. दूसरों को देखकर लालच करने से हम अपनी चीज़ भी खो देते हैं।
5. लालच हमें हमेशा नुकसान पहुँचाता है।
– कुत्ते के पास पहले से हड्डी थी, लेकिन लालच में उसने अपनी ही चीज़ खो दी।
6. जो हमारे पास है उसका मूल्य समझना चाहिए।
– दूसरों को देखकर अपनी चीज़ कमतर समझना गलत है।
7. संतोष में ही सुख है।
– जो मिला है, उसमें खुश रहना ही सच्ची बुद्धिमानी है।
8. लालच का अंजाम हमेशा पछतावा ही होता है।
– कुत्ते ने हड्डी खोकर यही सीखा।
Author by Bikash parajuli
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Thank you for Read my Moral Story 🙏