Episode 10: परछाइयों का शिकंजा
सुरंग से बाहर निकलते ही आरव और नैना ने पहली बार गहरी साँस ली। ऊपर आसमान में चाँद था, और उसकी ठंडी रोशनी उन दोनों के थके हुए चेहरों पर पड़ रही थी।
लेकिन उनके हाथ अब खाली नहीं थे—उनके पास वो diary और crystal sphere था, जो society के अस्तित्व और रहस्यों का प्रमाण थे।
नैना ने diary को बैग में छिपाते हुए कहा,
“ये चीज़ें हमें सही जगह तक पहुँचा सकती हैं… या मौत के मुँह में भी ले जा सकती हैं।”
आरव ने गंभीर स्वर में कहा,
“अब ये हमारी जिम्मेदारी है। हमें इन्हें सुरक्षित रखना होगा और सही लोगों तक पहुँचाना होगा।”
दोनों धीरे-धीरे पुराने हिस्से से निकलकर शहर की भीड़-भाड़ वाली गलियों में पहुँचे।
दिन निकल चुका था। लोग अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में व्यस्त थे।
दुकानों पर चहल-पहल थी, बच्चे खेल रहे थे, और कहीं भी यह आभास नहीं था कि इस पूरे शहर पर एक छिपी हुई Whisperers society राज करती है।
आरव ने चारों ओर देखते हुए कहा,
“यहाँ सब कुछ सामान्य दिखता है, लेकिन सच्चाई यह है कि ये लोग अपनी हर साँस society के आदेश पर ले रहे हैं।”
नैना ने धीरे से कहा,
“और किसी को इसकी खबर भी नहीं है।”
दोनों ने तय किया कि पहले वे अपने trusted प्रोफेसर डॉ. वेदांत के पास जाएँगे, जो इतिहास और cryptology में विशेषज्ञ थे।
“अगर कोई इस diary और sphere को decipher करने में मदद कर सकता है, तो वे ही हैं,” नैना ने कहा।
लेकिन जैसे ही वे यूनिवर्सिटी के गेट पर पहुँचे, वहाँ का नज़ारा देखकर उनके होश उड़ गए।
चारों ओर अफरातफरी मची थी। छात्र भाग रहे थे, पुलिस तैनात थी और गेट पर एक बड़ा notice लगा था—
“यूनिवर्सिटी अनिश्चितकाल के लिए बंद की जाती है।”
आरव ने पास खड़े एक छात्र से पूछा,
“ये क्या हुआ?”
वह काँपती आवाज़ में बोला,
“रात अचानक आग लग गई थी। लाइब्रेरी, रिसर्च सेंटर, सब जलकर राख हो गया। और… डॉ. वेदांत भी… लापता हैं।”
नैना ने हैरानी से कहा,
“ये कोई हादसा नहीं… ये society का काम है।”
आरव ने मुट्ठी भींचते हुए कहा,
“हाँ। उन्होंने हमें रोकने के लिए पहला खुला वार कर दिया है।”
भीड़ के बीच खड़े-खड़े नाइना ने अचानक गेट के notice को गौर से देखा।
सामान्य लोगों के लिए यह एक सरकारी नोटिस था, लेकिन उसके नीचे faint ink से एक symbol बना था—वही symbol जो diary में था।
उसके नीचे लिखा था:
“अब तुम हमारे दुश्मन हो। तुम्हारी साँसें गिनी-चुनी हैं।”
आरव ने चारों ओर देखा—कई लोग उन्हें घूर रहे थे।
क्या वे आम लोग थे, या society के सदस्य? यह बताना असंभव था।
“मतलब अब हम शहर की भीड़ में भी सुरक्षित नहीं हैं,” नैना ने धीमी आवाज़ में कहा।
आरव ने दृढ़ स्वर में कहा,
“लेकिन अब हम रुकेंगे नहीं। अगर वे हमें दुश्मन मानते हैं, तो हमें सच्चाई बाहर लानी ही होगी।”
दोनों ने पास के एक छोटे होटल में कमरा लिया।
कमरे में बैठकर उन्होंने diary के अगले हिस्से को पढ़ना शुरू किया।
पन्ने पर लिखा था:
"हमने rulers को गिराया, नेताओं को बनाया, और wars को manipulate किया। लेकिन असली शक्ति हमेशा हमारे पास रही—sphere। यह वह दर्पण है, जो भविष्य और अतीत दोनों को दिखाता है।"
नैना ने आश्चर्य से sphere की ओर देखा।
“मतलब यह सिर्फ़ एक artifact नहीं… यह किसी तरह का psychic tool है।”
आरव ने sphere को ध्यान से उठाया। उसमें धुंधली छवियाँ घूम रही थीं—कभी भीड़ का हंगामा, कभी जलती हुई इमारतें, कभी खून से लथपथ गलियाँ।
अचानक sphere में एक स्पष्ट दृश्य बना—
नैना ज़मीन पर गिरी हुई है, और उसके ऊपर masked figures खड़े हैं।
आरव ने sphere को झटककर नीचे रख दिया।
“नहीं! ये सिर्फ़ trick है… यह भविष्य नहीं हो सकता।”
नैना ने काँपते हुए कहा,
“शायद यह हमें warn कर रहा है। शायद यही उनका अगला कदम है।”
रात होते ही होटल के बाहर हलचल शुरू हुई।
पहले तो लगा कोई सामान्य भीड़ है, लेकिन धीरे-धीरे सन्नाटा छा गया।
आरव ने खिड़की से झाँककर देखा—सड़क पर लोग खड़े थे, सब mask पहने हुए।
“वे हमें घेर रहे हैं,” उसने धीरे कहा।
नैना ने बैग उठाया। “हमें अभी निकलना होगा।”
दरवाज़े पर तेज़ दस्तक हुई।
“दरवाज़ा खोलो… तुम्हारा समय खत्म हो चुका है।”
आरव और नैना पीछे हटे। अराव ने जल्दी से खिड़की खोली और दोनों बाहर कूद गए।
सड़क पर हर दिशा में masked figures खड़े थे। उनकी आँखें अंधेरे में चमक रही थीं।
आरव ने नैना का हाथ पकड़ा और दोनों भीड़ को चीरते हुए भागे।
पीछे से नारे गूँज रहे थे—
“Whisperers का आदेश अमर है!”
भागते-भागते वे एक चौराहे पर पहुँचे। वहाँ का दृश्य देखकर उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई।
सैकड़ों लोग mask पहने खड़े थे—और उनमें सिर्फ़ गुंडे या shadows ही नहीं, बल्कि आम लोग भी शामिल थे।
कुछ दुकानदार, कुछ छात्र, यहाँ तक कि कुछ पुलिसवाले भी।
नैना ने काँपते हुए कहा,
“मतलब… ये society हर जगह है। कोई भी, कभी भी, उनका हिस्सा हो सकता है।”
आरव ने गहरी साँस ली।
“अब हमें समझ आ गया… यह लड़ाई छिपे हुए दुश्मनों के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे समाज के खिलाफ है।”
भीड़ ने chanting शुरू कर दी—
“सत्य वही है जो हम तय करें। बाकी सब illusion है।”
भीड़ उन्हें घेरने ही वाली थी कि अचानक एक कार उनके सामने आकर रुकी।
ड्राइवर ने शीशा नीचे किया और कहा,
“अगर ज़िंदा रहना चाहते हो तो गाड़ी में बैठो।”
आरव और नैना ने एक पल भी नहीं गंवाया और कार में कूद गए।
गाड़ी तेज़ी से भागी और masked crowd दूर छूट गया।
नैना ने ड्राइवर की ओर देखा—वह एक बुज़ुर्ग आदमी था, जिसकी आँखों में गहराई और रहस्य था।
उसने कहा,
“मैं अनिरुद्ध हूँ। मैं society का हिस्सा था… लेकिन अब उनका दुश्मन हूँ। और शायद सिर्फ़ मैं ही तुम्हें जिंदा रख सकता हूँ।”
आरव और नैना एक-दूसरे को देखते रह गए।
क्या यह मदद सच थी… या कोई नया trap?
कार अंधेरे रास्तों से गुज़र रही थी। पीछे शहर की रोशनियाँ धुंधली हो रही थीं।
अनिरुद्ध ने धीमी आवाज़ में कहा,
“तुम्हें अभी बहुत कुछ जानना बाकी है। Whisperers सिर्फ़ शहर को नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र को control करते हैं। और diary… तुम्हारे हाथ में सिर्फ़ उनकी शुरुआत है, अंत नहीं।”
आरव और नैना चुप रहे। उनके हाथ में diary और sphere अब और भी भारी लगने लगे।
उनके सामने बैठा यह अनजान आदमी उनका उद्धारक भी हो सकता था, और सबसे खतरनाक धोखेबाज़ भी।
कार अंधेरे में गुम हो गई…
और यहीं episode समाप्त होता है—
एक नए साथी (या संभावित दुश्मन) और society के आतंक की पहली सच्ची झलक के साथ।