Ek Raat ka Raaz - 16 in Hindi Crime Stories by silent Shivani books and stories PDF | एक-रात एक-राज़ - 16

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एक-रात एक-राज़ - 16

"अगली सुबह"

करीब 11 बजे आरोही ..जान्हवी आनाथ आश्रम मे पहुंची….

मुझे राधिका मैम  से मिलना है, आरोही ने गेट पर खडे गार्ड से कहा…

जी आप अंदर चले जाइए मैडम अंदर ऑफिस मे बैठी है, 

क्या मै अंदर आ सकती हूं, आरोही ने दरवाजे पर खडे रहकर कहा…

आ जाइए…(उस औरत ने चश्मा निकाल कर, एक नजर आरोही को देखते हुए…

बताइए क्या उम्र है बच्चे की?? “उस औरत ने कहा”

मैम मै यहां किसी बच्चे को लेकर नही आई, मै कुछ पूछने आई हूं…

अच्छा तो आप बच्चा गोद लेना चाहती है?? 

नही मैम , मै यहां किसी बच्चे की जानकारी लेने आई हूं…

नही, हम ऐसे किसी बच्चे की जानकारी आपको नही दे सकते साॅरी…

प्लीज मैम मेरा जानना बहुत जरूरी है, मै इस आनाथ आश्रम के मालिक को जानती हूं…

तुम आदित्य को जानती हो ??? कैसे ??

मेरा नाम आरोही शर्मा है, और मै आदित्य कि… “इतना बोलते बोलते वो चुप हुई”

पत्नी हो , है न ?? ये ही कहना चाह रही थी ?? “उस औरत ने कहा”

आरोही शाॅक्ड हो गई,, आप ये जानती है?? “आरोही ने धीमी आवाज मे कहा”

मै जानती हूं, मुझे आदित्य ने बताया था, तुम्हारे बारे मे..पर मै तुम्हे पहचाना नही… तुम्हे शायद अजीब लग रहा होगा न कि मै ये सब कैसे जानती हूं..
मै आदित्य को बचपन से जानती हूं, वो मेरी बेस्ट फ्रेंड का बेटा था, जान्हवी का बेटा…

मरते समय जान्हवी ने मुझसे वादा लिया था कि मै आदित्य का ख्याल रखूंगी, और मै भी यही चाहती थी कि आदित्य मेरे साथ रहे, आदित्य मेरे लिए बेटे से भी बढकर था, 

मेरी खुद की कोई औलाद नही थी, इसलिए मै भी आदित्य को मां जितना प्यार देना चाहती थी, पर उसके पापा को ये सब नही पसंद था, फिर उन्होने कावेरी से शादी कर ली, पर कुछ ही दिनो मे कावेरी का बर्ताव बहुत बुरा होने लगा, और आदित्य के पापा ने उसे पढने बाहर भेज दिया….और फिर आदित्य यहां आया तो हमने ये आनाथ आश्रम जान्हवी की याद मे खोला, ताकि आनाथ बच्चो को सहारा मिल सके… “इतना कहकर वो औरत चुप हुई”

जब आप इतना जानती है, तो आदित्य की पहली शादी के बारे मे भी जानती होगी, ओर पहली शादी से उसका बच्चा जो शायद यहां है,

तुम आरव के बारे मे जानना चाहती हो ??

जी कहां है, वो क्या आप जानती है, मीरा कौन थी??

नही आरोही मुझे नही पता कि मीरा कौन थी, 
पर एक दिन आदित्य एक छोटे से बच्चे को लेकर यहां आया और मुझे सौप कर कहां कि मै इसका ख्याल रखूं...

मैने बच्चे के मां-बाप का नाम भी पूछा, तो उसने कहां कि ये मेरा बेटा है, और बच्चे की मां मर चुकी है,, उसने मुझसे वादा लिया कि ये बात मै किसी को न बताउं..

आदित्य बहुत परेशान था, तो मैने भी उससे ज्यादा कुछ नही पूछा… पर जो भी था आदित्य कुछ बहुत बडी बात छिपा रहा था,,

कौनसी बात??

मुझे नही पता आरोही… क्या तुम बच्चे से मिलना चाहोगी???

नही, आदित्य ने मुझे धोका दिया शादी-शुदा होते हुए भी मुझसे शादी कि प्यार का नाटक किया…

नही आरोही , आदित्य तुमसे सच मे बहुत प्यार करता था,, मैं बस तुमसे इतना कहूंगी कि अपने पति पर भरोसा रखो,, सच तुम्हारे सामने जरूर आयेंगा….

अब मुझे कोई सच नही जानना…. 

फिर यहां क्यूं आई थी ??? कुछ कारण होगा न यहां आने का ??

मै जानना चाहती थी कि बच्चा कहां है, वो सेफ है या नही …. “आरोही ने जाते जाते ये बात कही”

कल आदित्य कि प्रेयर मीटिंग है, पत्नी होने के नाते तुम्हे वहां जाना चाहिए आरोही…

आरोही बिना कुछ बोले वहां से निकल जाती है,, 

वहां से निकल कर आरोही उसी अपार्टमेंट मे जाती है, जहां मीरा रहती थी, वो फिर से वहां के लोगो से पूछताछ करती है, उसे किसी शालु नाम की औरत के बारे मे पता चलता है,जो मीरा की हाउस हेल्पर थी,, 

आरोही शालु से मिलने उसके घर जाती है, 

क्या मै अंदर आ सकती हूं, “उसने दरवाजा खटखटाते हुए कहां”

आप कौन ??? “शालु ने पूछा”

आरोही शर्मा,,मुझे मीरा चौहान के बारे मे आपसे बात करनी है,

मै किसी मीरा चौहान को नही जानती,, उसने डरते हुए कहा…

देखो मै बहुत परेशान हूं, मेरी मदद करो… मै किसी को नही बताऊंगी कि मै तुमसे मिली तुम जो भी जानती हो प्लीज मुझे बताओ..

ठीक है, आप अंदर आ जाइए…
मैं मीरा के घर के कामो मे हाथ बटाती थी, और साथ-साथ उसके बच्चे को भी संभालती थी,, 

तो तुम उसके पति को जानती ही होगी??

हां आदित्य सर उसके पति थे, पर उनका रिश्ता पति पत्नी जैसा बिल्कुल नही लगता था, वो कभी कभी ही आया करते थे, थोडे देर रुकते और फिर चले जाते….

फिर एक दिन एक आदमी मीरा से मिलने आया… बहुत गुस्से मे था वो, मीरा ने मुझे बच्चे को लेकर अंदर जाने को कहा….

कौन था वो आदमी ?? क्या तुमने देखा था उसे??? “आरोही ने पूछा” 

नही मैडम, बस आवाजे सुनी थी… वो आदमी कह रहा था कि तुम गलत कर रही हो, मेरा पीछा छोड दो, और चली जाओ मेरी जिंदगी से...

क्या मीरा ने कोई नाम लिया उसका??

हां शायद राघव नाम था उसका…

क्या राघव ?? पर तुम इतनी गारंटी के साथ कैसे कह सकती हो, कि उसका नाम राघव ही था ??

क्योंकि  मीरा अक्सर इस आदमी को फोन लगाया करती  थी , और वो हमेशा फोन पर इस आदमी से रोते हुए या चिल्लाते हुये बात करती थी,,

और मीरा की मौत कैसे हुई ??क्या उसे कोई बीमारी थी ???

 मुझे नही पता उसने नजरे चुराते हुए कहा…

मुझे सच बताओ शालु मुझपर भरोसा रखो मै किसी को भी नही बताऊंगी…

 नही मीरा बिल्कुल ठीक थी, उसने लंबी गहरी सांस लेकर कहां….

फिर वो मरी कैसे ???

रोज की तरह मै, उस दिन भी मीरा के फ्लैट पर पहुंची,, मैने सुना की बच्चा बहुत रो रहा है, मै दौड़कर दरवाजे पर पहुंची पर दरवाजा लगा हुआ था, मैने हल्के हाथ से दरवाजा खोला, तो देखा कि मीरा जमीन पर पडी हुई थी,, खून से लथपथ और आदित्य सर उसके बाजू मे चुपचाप बैठे हुए थे… मै बहुत डर गई थी मैने जल्दी से दरवाजा लगाया और वहां से भाग गई… फिर मै वहां कभी नही गई…


क्या आदित्य ने ही मीरा को मारा था???