The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
" जब मैं चला..." जब मैं चला, तो रास्तों ने मुझे रोका नहीं शायद उन्हें आदत थी, लोगों के बिन बताए चले जाने की। पर तू... तू वो मोड़ थी, जिसे छोड़ते वक़्त दिल ने हज़ार बार पलटकर देखा, और जुबां ने बस एक ही बात कही — "अच्छा चलता हूँ, दुआओं में याद रखना..." मैंने ये अल्फ़ाज़ कहे, जैसे कोई दरवाज़ा धीरे से बंद करता है, कि कहीं आवाज़ न हो, पर भीतर सब कुछ टूटा हो। मेरे जाने के बाद, अगर कभी तेरे कमरे में चुप्पी कुछ ज़्यादा लगे, तो समझ लेना — वो मेरी बातों की आदत थी। तेरी दुआएँ... शायद अब भी मेरे पीछे चल रही हैं, कभी हवा में, कभी ख्वाब में, कभी किसी पुराने गाने की लकीर में मैंने वादा नहीं किया था लौटने का, क्योंकि अलविदा में झूठ नहीं होना चाहिए। पर मैंने दुआओं की बात की क्योंकि वहां से लौटना , कभी मुमकिन नहीं होता।
ज़िंदगी का अपना युद्ध ज़िंदगी कोई खुला मैदान नहीं, ये एक अनंत रणभूमि है। जहाँ हम हर सुबह तलवार नहीं, बल्कि हिम्मत पहनकर उठते हैं। दुनिया की भीड़ कभी शत्रु बनती है, तो कभी अपने ही मन की आवाज़ हमें संदेह के बाणों से छलनी करती है। यह युद्ध बाहर नहीं, भीतर जलता है। कभी सपनों की ध्वजा गिर जाती है, कभी थकावट के घोड़े रुक जाते हैं। पर अंततः वही जीतता है जो हार को अपने कवच की तरह पहन लेता है। ज़िंदगी का यह युद्ध कभी समाप्त नहीं होता, बस योद्धा बदलता है कभी हम अपने आँसुओं से लड़ते हैं, कभी अपनों की खामोशी से। जीत किसी माला में नहीं है, जीत उस पल में है जब टूटकर भी उठना सीखते हैं और अपने ही अंधकार को हराकर प्रकाश की ओर एक कदम बढ़ाते हैं।
कृष्ण – जीवन की अनंत आघार वृन्दावन की रेत पर जब नन्हे पाँव पड़े, तो मुरली की धुन में सारा ब्रह्मांड झूम उठा। हँसी में छिपा बालपन का नाद, और आँखों में करुणा का अथाह समंदर। प्रेम उनका खेल था, पर खेल भी साधना था, राधा के नयनों में जो दीप जले, वही तो अनश्वर था। त्याग उनका शौर्य था, और शौर्य उनका प्रेम। कभी रणभूमि के सारथी, तो कभी ग्वालिन के गीत में लय। त्रृष्णा को देखा, पर बंधन में न बँधे, करुणा को जिया, पर आसक्ति से परे। रणनीति में भी धर्म की गंध थी, और बलिदान में भी मधुर संगीत। मित्रता उनके जीवन का आभूषण बनी, सुदामा के आँसू में उनका हृदय पिघल पड़ा। महलों से अधिक महत्त्वपूर्ण थे वो चावलों के कौर, जहाँ प्रेम की गिनती थी, धन की नहीं। कृष्ण का जीवन सिर्फ कथा नहीं, वो तो चेतना का शाश्वत मार्ग है। जहाँ हर श्वास कहती है प्रेम में जीना ही धर्म है, और धर्म में जीना ही अनंत जीवन। कृष्ण को मेंने मित्रता में परमतत्व पाया कृष्ण से हि जिवन का सार पाया ✍️ C M Jadav
नई सुबह पर नजर है मगर आह यह भी डर है, यह सहर भी रफ्ता-रफ्त कहीं शाम तक न पहुंचे।
happy 79 Indipedence Day 🇮🇳 ✦ नया भारत ✦🇮🇳 लहू की बूंदों से सींचा है ये चमन, हर शहादत ने लिखी है गाथा अमन। जहाँ माँ के आँचल में दीपक जलते हैं, वहीं सिपाही रणभूमि में व्रत निभाते हैं। जब दुश्मन ने ललकारा सीमाओं को, तो जांबाज़ उठे मिटाने अंधेरों को। "ऑपरेशन सिंदूर" की गूंज हुई प्रखर, धरती ने देखा साहस का अमर सफ़र। रात का सन्नाटा काँप उठा गर्जना से, तिरंगे की शपथ निभी वीरता की गाथा से। हर गोली के पार निकलती थी हुंकार, भारत के वीर सपूत थे तैयार। किसी ने हँसकर प्राण न्योछावर कर दिए, किसी ने आख़िरी साँसों में "भारत" कह दिए। उनकी आँखों में था बस यही उजाला, नया भारत होगा स्वाभिमान का प्याला। ओ मातृभूमि, तेरे वीर अमर हो गए, तेरे आँगन में नये सपने संवर गए। हर शहादत से मजबूत हुई ये डगर, नये भारत का सूरज निकला प्रखर। अब न झुकेगा न डरेगा ये हिंदुस्तान, जवानों के बलिदान से बनेगा महान। जहाँ हर बच्चा गर्व से कह पाएगा, "मैं उस भारत का वासी हूँ, जो सिर न झुकाएगा।" jay Hind Jay Bharat C M Jadav
प्रेम कोई शब्द नहीं, यह तो आत्मा की मौन धड़कन है। जहाँ बोल थम जाते हैं, वहाँ आँखें पूरी कहानी कह देती हैं। यह न मिलने की तड़प भी है, और मिलन का सुकून भी। यह अधूरी चाहत की पीड़ा है, और सम्पूर्ण समर्पण का वरदान भी। प्रेम वह दीप है, जो अंधकार में भी उजाला करता है। यह वह नदी है, जो हर पथरीले किनारे को चूमकर बहती जाती है। प्रेम में हार नहीं होती, क्योंकि प्रेम त्याग है। यह अपना नहीं, पराए को अपना बनाने का जादू है। प्रेम की गहराई को शब्दों में बाँधना असम्भव है, क्योंकि यह अनंत है | सागर की तरह, आकाश की तरह, और आत्मा की तरह || C M Jadav
कभी हवाओं संग बहा, कभी पत्थर-सा थमा, सफ़र में सीखा यही हर मोड़ पे खुद को पाना है। C M Jadav
ज़िंदगी एक सफ़र है, इश्क़ उसकी राह, कभी धूप सा तपे, कभी छाँव की चाह। दिल के हर मोड़ पे, कोई सपना सजे, कभी हँसी दे जाए, कभी आँखें भिगे। इश्क़ में ज़िंदगी, ज़िंदगी में इश्क़, दोनों का रिश्ता है जैसे रूह और नफ़्स जो इसे जी ले, वो सच्चा राहीदार वरना राह में रह जाए बस इंतज़ार - C M Jadav
તારું સ્મિત એ મારી દુનિયા છે, જેમાં દુઃખને પણ ઘર મળતું નથી.
પ્રેમ એ એક મીઠું સપનું છે, જે આંખો બંધ કરવાથી પણ દેખાય છે.
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser