Quotes by Rohil Singh in Bitesapp read free

Rohil Singh

Rohil Singh

@kapasiyarohilggmailc


हम गये उनकी गली मे ये हमारी हसरत थी,
और वो देखते रह गये वो उनकी मोहब्बत थी।
राही..।

गलतियाँ करके हमने,
जिन्दगी बिता दी दूसरों को दोष देते-देते । राही.

अगर मनुष्य हर प्रस्थिति मे समता का भाव रखे,
और एक ईश्वर के मनन में व्यस्त रहे,मस्त रहे ।।
'इससे बडा आनन्द दुनियाँ में और कोई नहीं '
'हे ईश्वर'

Read More

पान की दुकान वृद्धा ,तरुणी और नौजवान।
बाजार मे व्यापार का हो रहा आदान-प्रदान।
तभी एक घटना घटी ! और बत्ती गुल ।
युवक ने अपनी हथेली का चुम्बन लिया ,
और दुकानदार को एक थप्पड़ रशीद किया।
वृद्धा ने सोचा तरुणी ने अच्छा किया ,
जो चुम्बन का जवाब थप्पड़ से दिया।
तरुणी ने सोचा बेचारा नाहक ही पिटा,
जो मुझ कमसिन को छोड वृद्धा पे मिटा।
दुकानदार ने सोचा हाय रे करम,
चुम्बन किसी ने किसी का किया ,
और पिट गये हम।।
'हे ईश्वर'

Read More

प्यार हमेशा सच्चा और निस्वार्थ होना चाहिये।
स्वार्थ मे तो माँ भी बच्चे को झिड़क देती है।।
'हे ईश्वर '

अगर मनुष्य उम्र के साथ स्वयं को नहीं बदलता,
तो वह अपनी मन अशान्ति का कारण स्वयं है।
हे ईश्वर

Read More

'मुंदरी'
घड दे रे सनार के एक मुंदरी हो प्यारी।
जड दे नगीना जिसकी चमक हो न्यारी ।।
प्रेम का उसमें लगा दे सोना चाहत की फुलकारी।
तिल का भी खोट न उसम चाहे किमत लेले भारी।।
घड दे रे.........।
पहन जिसे इतराऊ में प्रीतम को रिझाऊ।
सख्या जो मुझसे पूछे उनको में समझाऊँ।।
घडवायी बडे प्यार से तुमको में बतलाऊ।
प्रेम निशानी हे ये मुंदरी वारी वारी जाऊँ।।
घड दे रे.........।

Read More

'विनती '
करता हूँ विनती प्रभू करना तुम स्वीकार ।
पंछी मन भया बावरा उडे गगन विशाल ।।
करता हूँ ..........।
ईर्ष्या,द्वेष,क्रोध,मोह,माया ये सारे दुश्मन ।
ऐसे भाव जो उत्पन्न हो उनका करना हनन ।।
करता हूँ ..........।
दया,धर्म के जीवं सहारे तनमन तुम पर वारू ।
जीवन जो अगला मिले वो भी तुम पर वारू ।।
करता हूँ ..........।
ये नैय्या हाथों में तेरे प्रभू तू ही तारणहार ।
सदा रहूँ चरणो में तेरे देना आशीर्वाद ।।
करता हूँ ..........।
'हे ईश्वर'

Read More

नमस्कार