Hindi Quote in Motivational by Shiv Sawant Mitti

Motivational quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

अतीत अब याद आने लगा है बचपन से लेकर जवानी तक की खट्टी मीठी यादे बार बार स्मृति में उभरती है।मन भारी हो जाता है।अब उम्र भी पचास के आसपास की हो गई है।जाहिर सी बात है कि इसका प्रभाव अब स्वास्थ पर दिखायी देने लगा है।बात बात मे चिड़चिड़ाहट होने लगती है।काम धंधा भी कोई खास नही है।आय से ज्यादा खर्च होता है।बीबी बच्चे मां बाप और घर परिवार सभी की कुछ ना कुछ जरूरते है इनको तो कैसे भी पूरा करना है।पढ़ाई लिखाई खाना पीना कपड़ा लत्ता दवा दारू के अलावा नात बात रिश्तदारी ब्याह शादी कथा भागवत सब कुछ देखना है इस छोटी सी कमाई से।दूसरा कुछ है भी तो नही कि कही और से कुछ रूपया पैसा आ जाय तो खर्चे की दिक्कत कम हो जाय।इन सब बातो के कारण कभी कभी मै हताश और निराश हो जाता हूँ कि आखिर कैसै गुजर बसर होगी फिर सोचता हूं कि हमारी जिंदगी तो फिर भी करोड़ो लोगो से बेहतर है कि दो समय का खाना मिल जाता है अच्छा खराब पहनने को मिल रहा है दवा दारु भी किसी तरह से हो ही रहा है।सिर पर एक छत है बिस्तर बिछौना भी है।मां बाप का साया है।
आखिर कभी भी उनके बारे में भी सोचता हूँ तो दिल धक्क से हो जाता है।जाड़ा गर्मी बरसात हर मौसम उनके लिये दुख का पहाड़ ही तो है।ना रहने का कोई आसरा है कोई रोजी रोजगार भी स्थायी नही है खाने पीने को जो कुछ कच्चा पक्का मिल गया उसी से काम चलाना पड़ता है।कपड़ा लत्ता तो फटा पुराना मिल ही जाता है।उससे उनका काम चल ही जाता है।पर सोचता हूँ तो दिमाग को एक साथ सैकड़ो सांप डसने लगते है।इसे हम किस तरह सहते है क्या बीतती है हमारे साथ, बर्दास्त नही होता है लेकिन बर्दास्त करना पड़ता है।हमारे अंदर की मनुष्यता भी तभी तक जीवित रह सकती जब तक हम संवेदनाओ और करूणा को अपने हृदय में स्थान दे सकते है।
जीवन जीने की कला मे यद्यपि सभी निपुण होते है पर संसार के प्रकृति के नियम परिवर्तन शील है दुख सुख की समान अनुभूति पा कर हम अपने आप को जांच परख सकते है।क्या यह सब लिखना पढ़ना कहना सुनना लाजमी है हमारे लिए।हम आखिर क्यों इतने निरीह और निर्दयी होते जा रहे है कि एक मेरी ही तरह का हाड़मास का इंसान गैर बराबरी क्यो सहता है।कारण है इसके पीछे देश मे चल रहा राजनैतिक तूफान ही सबको दिशा और दशा प्रदान कर रहा है।ना चाह कर भी लोग आपसी वैमनस्य रंजिश छुआछूत का शिकार हो रहे है।
आंखे खोलने की जरुरत है भ्रम मिथको और परम्पराओ को तोड़ने की जरूरत है।इंसान को भी इंसान समझने की कोशिश करे और यदि आप यह करने में सफल हो जाते है तो यकीन देश मुस्करा देगा बच्चे बूढ़े और नौजवान सभी मुस्करा देगें।
आप का अपना................... "मिट्टटी"
9984563563,9648563563........!

Hindi Motivational by Shiv Sawant Mitti : 111145261
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now