हर हिंदी दिवस पर ये सवाल उठता है कि हिंदी की प्रगति में बाधा क्या है? कुछ लोग कहते हैं कि अंग्रेज़ी हिंदी को आगे नहीं बढ़ने देती। पर ऐसा नहीं है, अंग्रेज़ी बोलने वाले तो मुश्किल से देश में पांच प्रतिशत भी नहीं हैं, हम अपनी- अपनी क्षेत्रीय भाषाओं के लिए लड़ते हैं असली विभाजन तो हमारी भारतीयता का तब होता है।