थोड़ा बहुत स्वार्थ तो हर संबंध में होता ही है किंतु जब यह स्वार्थ संबंधों पर हावी हद से ज्यादा होने लगता है तो दूरियां न चाहकर भी बनना शुरू हो ही जाती है।

Hindi Thought by Ashish Dalal : 111331689

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