My worrying Poem...!!
पुस्तों की ख़ानदानी तहज़ीबों की ज़ुबानों
को काट ली गई आज अंग्रेजी ख़ंजरों से...
कानों मे रसीले संस्कृति-ओ-वेदो का
निर्मल-सा प्यारा वह रस घोलेगा कौन..??
आज की नई पीढ़ी के बच्चो को Iphone
सैमसंग गैलेक्सी की बला से फुरसत नही...
आनेवाले भविष्य मे गीता-रामायण बाइबल
क़ुरान गुरुग्रंथ के उपदेश खोलेगा कौन…??
बहकते वेलेण्टाइन-डे, रोझ़-डे और जानें
कितने नये चौचलें की आदतों में घेरा युवा,
पश्चिमी ढब-ओ-हरकतों की खाइयों-में
गिरफ़्तारी के लांछनों से बचाएगा कौन.??
बढ़तें बढ़तें बढ़ गई बूरी लत की हर शाखा
यौवन-धन लूटा जा रहा है आज सरेआम,
बहकते मंदिरा-ओ-पाश्चात्य नशों से रात
रात लड़खड़ाती नस्लों को संवारेगा कौन.?
प्रभुजी करे कोई नयीं-सी सुबह नया-सा
पैग़ाम ले कर आएँ,जो बचें घनत्व बचाएँ ।
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