Attitude का अर्थ है मनोवृत्ति, मनोदशा, रुख, रवैया, मनोभाव,स्वभाव,है। अब किसी व्यक्ति के अंदर कौन सा मनोभाव है, उसका किस प्रकार का रवैया है, सामने वाले के प्रति या समाज के सभी लोगो के प्रति ये उस व्यक्ति पर निर्भर करता है । अगर व्यक्ति सजग है तो वह कैसे अपने आप को किसी के समक्ष प्रस्तुत करता है यह वह स्वयं तय कर सकता है । हमारा रवैया (बरताव) किसी के प्रति अच्छा है या बुरा है यह सामने वाला अपने स्तर पर आंकलन कर लेता है। और अपने नज़रिए से हमारी मनोवृति को सही या ग़लत किसी रूप में स्वीकार कर लेता है। जिसकी वजह से हम समाज मे सभी लोगो से या तो घुलमिल जाते हैं या दूर हो जातें है।
नकारत्मक दृष्टि से अकड़, घमंड,अहम,अभिमान,आदि इस प्रकार की मनोवृत्ति या स्वभाव से सदैव एक इंसान को समाज मे अच्छा दर्जा नही मिल पाता और इस प्रकार की मनोदशा वाले व्यक्तियों को सभी लोग न पसंद कर देते हैं उसके नकारात्मक मनोवृति ( Nigative Attitude) की वजह से।
वहीं सकारत्मक दृष्टि से प्रेम,दया,करुणा,आदर,सम्मान,आदि इस प्रकार की मनोवृत्ति या स्वभाव से सदैव इंसान को समाज मे अच्छा दर्जा मिलता है और लोग इस तरह के attitude वाले व्यक्तियों को अपनी पसंदीदा सूची में शामिल कर लेते हैं। इस प्रकार postive Atitude रखने से हर व्यक्ति को लोग अधिक महत्व देतें है ।
किसी व्यक्ति के अंदर किस प्रकार का Attitude है या उसकी किस प्रकार की मनोवृत्ति है यह उसके अपने प्रति नज़रिए पर निर्भर करता है। जो अपनी मनोदशा को जानते हैं कि वह किस स्वभाव के हैं या कैसा attitude उन्हें रखना चाहिए वो इसे कैसा भी रख सकते हैं।
चूँकि हम इंसानों की मनोदशा Attitude जबतक हम अपने प्रति सजग नही हो पाते या समझ नही पाते या कैसा है आदि तबतक उसका आंकलन अन्य लोगो पर निर्भर है सामने वाला आपको कोई भी संज्ञा दे सकता है। परन्तु ठीक इसके विपरीत अपने attitude को किस प्रकार का रखना है ताकि लोग हमसे मिलजुल कर रहें ये हमारे ऊपर निर्भर है। जिससे लोग हमारे attitude को सकारत्मक नज़रिये से देख सकें।