क्या कुछ न सीखा अब तक, इन दुनिया की बातों में
झूठा, सच्चा, इश्क़, मोहब्बत, धोखा, गन्दी बातों में
दिल की बात अलग है यारों इसको जब जब खोला है
दिल तो निकला अभी भी बच्चा और अब तक #भोला है।

हार, जीत का खेल बना है अब तो रिश्ते नातों में
किस किस पर किया जाए भरोसा आए किसकी बातों में
जंग का मैदान बना पड़ा है और घर के अंदर ही है गोले
हर - हर, बम - बम, सद्बुद्धि दो नीलकंठ शिव हे #भोळे ।।


#भोळे
#Matrubharti
#Arjuna Bunty

Hindi Poem by Arjuna Bunty : 111547534

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