हर बुरी नज़र,हर बला को टाल देती है, एक मेरी माँ है जो पल में खुशियां हज़ार देती है, जन्नत में भी इतने नज़ारे ना होंगे, जितने मेरी माँ मेरी एक मुस्कुराहट पर वार देती है। । कितनी भोली सी,प्यारी सी है वह जिसको हम अपना जहाँ मानते हैं, ऐ दुनिया वालों जो मां को मानते हैं, वे रब को कहाँ मानते हैं। ।
-Renu Jindal