लोग "लाशें" उठाने के लिए तैयार है
लेकिन "आवाज़" नहीं उठाएंगे..!!
वास्तव में मरे हुवे जिंदा मुर्दे
मरे हुवे मुर्दे की लाश उठा रहे है..!!
फर्क इतना है कि जो अर्थी पर लेटा है
वो जीवन से हार कर मर गया है..!!
और जो अर्थी को कंधों पर उठा रहे है
अपने ज़मीर को गवाँ कर मर गए है..!!
#आर्यवर्त