इस फोटो में अगर इस आदमी की जगह कोई औरत होती तो हमारे देश की कुछ कथाकथित फेमिनिस्ट पुरुषो को न जाने क्या क्या सुना जाती ।
चाहे कोई मर रहा हो , असहाय हो , कोई औरत या feminist प्रजाति ( स्त्री नहीं ) कभी अपना सीट नहीं देती और रोयेगी ऊपर से , विक्टिम कार्ड खेलेगी ।
इसलिए वह औरत है ।
पुरुष कभी रोयेगा नहीं बात बात में और न ही विक्टिम card खेलेगा इसलिए वह पुरुष है और इसीलिए भी वह जब से संसार है अरबों वर्ष से यह पृथ्वी पुरुष प्रधान ही रही है ।