कल बहुत समाजप्रेमी ,,, गरीबो के मसीहा type लोगों के विनम्र निवेदन के साथ आए सन्देशों को पढ़कर मन द्रवित हो गया। तो निश्चय किया कि अबकी बार भी सावन के सभी सोमवार को हर बार की तरह ढूध मन्दिर में कम ही ले जाएगे।।।
जैसे हर बार एक दादी को दे आते हैं वैसे ही दे आएगे।।।
ये पहल सभी को करनी चाहिए ,,,हम तो हमेशा से करते हैं।
ना धर्म छोड़ते हैं ना कर्म।
पर शाम को वही msg वाली पड़ोसन घर आकर बोली कि जरा ये मसाला पीस दीजिए ,,, हमने कहा ,,इतना???
कोई दावत है क्या ।।।
उनका जवाब सुनकर जो मन किया कि मसाले के साथ उन्हें भी पीस दें।।
मुस्कुराते हुए बोलीं,,'वो कल से सावन शुरु है ना,,, तो हमारे भाई आए हैं मछली लेकर सब आज मन भरकर खाएगे।। कल से मकान मालिक बनाने नहीं देंगे ना।।""
पूछने पर बताया कि 400 से 500 rs खर्च हो जाते हैं इसमें।।
कसम से कहां से आते हैं बे अईसे दोगले लोग???
खुद काहे नहीं 400rs का राशन दे आते हो बे??? pizza छोडकर आटा पहुंचा देओ तनिक,,,,जब कहियों यहाँ।
और हाँ,,,,हम अपनी सामर्थ्य के हिसाब से करते हैं मदद।। 50 ml दूध अगर ना देगे तो कोई ना,,,, 500ml का packet पहुंचा देगे।।।
तो ये ज्ञान की गंगा हमरे आगे ना बहाओ बबुआ,,, हम अज्ञानी ही सही हैं।।
और एक और बात,,,, 500 ml में से 50 ml तो हमरे भोले ही पाएंगे ,,,बाकी हम किसी को पहुंचा आएगे।। पर तुम कम से कम एक packet तो पहुंचा ही देना किसी जरूरतमंद को,,,, ज्ञान जो पेले हो हमारे whatsapp पर और सभी जगह कल से इतना।
हर हर महादेव🙏🙏🙏🙏
khushboo