एक तरफ लड़की की मां अपनी सांवली बेटी के लिए लड़का खोज रही है, दूसरी तरफ एक मां अपनी बिगड़े हुए शराबी और अय्याश बेटे के लिए लड़की ख़ोज रही। मां अपने बेटे की खामियां छुपाकर तारीफों के पुल बांधते हुए रिश्ता तय कर देती है, लड़की मां यह सोचकर फूली नहीं समाती कि मेरी सांवली बेटी को बहुत अच्छा घर मिल गया, परिणामस्वरूप लड़की का जीवन बर्बाद कर लड़कें की मां रिश्तेदारों से कहती फिरती है, जबसे मनहूस घर में आयी है, मेरा बेटा शराबी और अय्याश हो गया, इसलिए कहते हैं औरत ही औरत की दुश्मन है।
-Suneeta Gond