#इंतजार
दोहा
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इंतजार में आपके , मन मेरा बैचेन ।
आ जाओ अब तो प्रिये,तरश गये हैं नैन।।
इंतजार की ये घड़ी, कटे नहीं है आज।
अब तो आ जाओ प्रिये, छोड़ो सारे काज।।
करे प्रतीक्षा श्याम की ,मेरे ये दो नैन।
जाने कब हरि दर्श हो, मन मेरा बैचेन।।
उमा वैष्णव
मौलिक और स्वरचित