जिंदगी का गीत,हम गाते रहेंगे....

सरगमों से खुद को, सजाते रहेंगे।
आरोह-अवरोहों में,स्थिति समान रख...
मन्द-मध्य-तार,सप्तकों का ध्यान रख।
राग-थाट बन्दिशों,संग ताल ठोंककर....
सुर-लय बद्ध कर,सभी वाद्ययंत्र ध्वनियां।
दादा-दादी-अम्मा-बाबू,हो चाहे मुनिया...
जन-जन इक हर मन को,बहलाते रहेंगे।
जिंदगी का....
#सनातनी_जितेंद्र मन
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Collaborating with YourQuote Didi

Hindi Poem by सनातनी_जितेंद्र मन : 111780487

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