हमने सोच लिया,
सब कुछ मिलेगा ।
इच्छानुसार मिलना,
जन्मसिद्ध अधिकार है ।
सिर्फ़ सोचने से कहॉं ,
मिलते हैं तमन्नाओं के शहर ।
चलना,दौड़ना भी ज़रूरी है ,
मंज़िल पाने के लिए …
आशा सारस्वत

Hindi Blog by Asha Saraswat : 111781744

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now