तू है ठंडी छांव सा
तुझे पालु तो दिल को तसल्ली मिलती है
तू है रहमत सा
तुझे दुआओं में मांगा है मैंने
तू है समंदर सा
तुझमे सिमटना चाहूं मैं Bindu Anurag
तू है गहरी झील सा
तुझ में खो जाना चाहूं मैं
तू है नापाक फरिश्ते जैसा
तेरे एहसास से रब का शुक्र मानु में
04:05AM01/02/22
-Bindu _Anurag