साफ़ रखो दिल का कमरा
मैले कमरे में भला कौन ठहरा ?
अस्त - व्यस्त कमरा देख जैसे रास नहीं कुछ आता है
बिखरे हुए विचारों से कोई दिल में भी नहीं आता है
सारी दुनिया छोटी लगे जब बड़ा - सा हो दिल का कमरा
दुनिया हसीन स्वप्न - सी जब सुथरा हो दिल का कमरा
हवेलियाँ छोटी पड़ जाती हैं जब दिल के द्वार बड़े होते हैं
झोंपड़ी भी महल लगे जब दिल के झरोखे खुले होते हैं

Hindi Blog by उषा जरवाल : 111807023

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