रामायण भाग - 28
****************
शांति - दूत (दोहा - छंद)
**********'*********

शांति दूत अंगद बने , रावन से की बात।
सभा बीच में पग जमा, देदी सब को मात।।

निश्चित तेरी हार हैं , रावन तू ये जान।
क्षमा राम से माँग ले ,और बढ़ेगा मान।।

बाहु शक्ति का था सदा ,रावन को अभिमान।
कहे युद्ध करना मुझे, चाहे जाये जान।।

Uma Vaishnav
मौलिक और स्वरचित

Hindi Religious by Uma Vaishnav : 111819607

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now