मैं और मेरे अह्सास

वर्षा का मौसम सुहाना लगे l
भीगा मौसम खुशनुमा लगे ll

छलक जाता है मनचाहे तब l
आशिको जैसा दीवाना लगे ll

महफिल मे दोस्तों के साथ l
जाम में डूबा मतवाला लगे ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111825031

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