स्वयं की तैयार करते हुए,
किस्मत को ललकारना है,
अच्छे कर्म के चलते हुए ही,
बुरी किस्मत को दुत्कारना है।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

Hindi Shayri by किरन झा मिश्री : 111825249

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