सितम चाहे जितना करना चाहो कर के देख लो
ज़ख्म चाहे जितना भी गहरा चाहो दे कर देख लो
दर्द चाहे कितना भी क्यों न हो हम बयां करते नहीं
अपनी आँखों के आँसू अब हम यूँ ही जाया करते नहीं

Hindi Shayri by S Sinha : 111842812

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