मैं हमेशा अपनी मॉं के बारे में लिखती हूं ।
हां मॉं की कमी कभी कोई पूरी नहीं कर सकता।
पर मेरी बहनें मेरे लिए बिल्कुल मेरी मॉं जैसी है।
उन्होंने मेरे घर को फिर से हरा भरा करने के लिए बहुत मेहनत की। सिर्फ अपना वक्त ही नहीं.....अपना प्यार समर्पण सब कुछ दिया ..... यहां तक की अपनी गृहस्थी बिखरी हुई छोड़ कर हमारा ख्याल रखने आती ।
वो नहीं होती तो शायद इतने बड़े नुकसान से हम इतना जल्दी नहीं उभर पाते।
बिना कहे मेरी सारी ख्वाहिशें पूरी कर लेती है।
मेरे बुरे से बुरे बर्ताव को भी झेल लेती है। हां पता है बहुत बुरी हूं मैं... पर सिवाय माफ़ी मांगने के और कुछ नहीं कर सकती... क्योंकि गुस्सा तो नाक पर रहता है मेरे☹️दोबारा छिड़ जाऊंगी किसी बात पर क्या मतलब फिर....
झूठ कहते है लोग की बुरे वक्त में दोस्ती साथ देती है। मेने तो एक अच्छी खासी भीड़ से नाता तोड़ दिया।
मेने उस वक्त से सीखा हैं की दोस्ती भी सोच समझ कर करो ।
उस वक्त मेरे कुछ गिने छूने दोस्त और मेरी बहनों ने मजबूती से मेरा हाथ थाम रखा था।
आज मैं जो कुछ हूं जैसे संभल पायी हूं सिर्फ उनकी वजह से ।
जब वो घर पर होती है तो मुझे किसी चीज की फिक्र नहीं होती .... ढीट हूं ना मैं .....लेट उठने की आदत से मजबूर ।। पर जैसे मम्मी कभी मुझे जल्दी नहीं उठाती वैसे ही वो सब भी सुबह उठ के सारी जिम्मेदारियां निभा लेती ...बिल्कुल मॉं जैसे❤️
मेरी मॉं की परछाई है मेरी बहनें👭
-ArUu✍️