एक औरत के काम को कभी कोई सहयोग नहीं मिलता
सहयोग तो दूर की बात उसके काम को कभी सम्मान तक नहीं मिलता
आदमी जब काम से लौटता है तो घर पर अर्धांगिनी सदैव हंसते हुए मिलती है और घर व्यवस्थित मिलता है पर जब एक औरत काम से लौटती है तो उसे बस काम की भरमार मिलती है
इसलिए शायद किसी ने सच कहा है
"एक औरत काम से लौट कर भी काम पर ही लौटती है 🙂