मैं और मेरे अहसास

दर्द का रिश्ता दूर तलक साथ निभाता है,
प्यार का रिश्ता दूर तलक साथ निभाता है.

साथ साथ बिताये हुए सुहाने और हसीन,
याद का रिश्ता दूर तलक साथ निभाता है.

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111878057

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now