आंखो का मिलना फिर टकरार करना
जुबा से बात ना लेकिन दिल से प्यार करना
एक लडकी खिड़की के पास बैठी मुस्कुरा रही थी
देख आंखो में अचानक से घबरा रही थी
उस वक्त रात की दस बज रहा था
उसे सोचकर मेरा दिल हस रहा था
आंखो में शर्म की नुमाइश थी अभी
एक बार फिर मोहब्बत करू yesi ख्वाइस थी अभी
कहते थे लोग बुरा मुझको मिलने से पहले
मैं उससे मोहब्ब्त कर रहा जिसकी उम्र स्ताइस थी अभी
मैं खुद को बड़ा समझ बैठा मेरी उम्र बाइस थी अभी
रात कटी घर गया बात खत्म हो गई
सफर के परिंदा थे दोनो मुलाकात खत्म हो गई
वक्त पे उसकी ट्रेन की बोगी चली गई मेरी जिंदगी से स्टाइस खत्म हो गई
और आप ताली बजाइए फिर से इश्क करने की खवाइस खत्म हो गई ।