असङ्गोऽहमनङ्गोऽहमलिङ्गोऽहं हरिः । प्रशान्तोऽहमनन्तोऽहं परिपूर्णश्चिरन्तनः ॥ अकर्ताहमभोक्ताहमविकारोऽहमव्ययः । शुद्ध बोधस्वरूपोऽहं केवलोऽहं सदाशिवः ॥ आभामंडल और अकबरी दरबार के पैमाने टाइम फ्रेम में सेट है, कभी दोस्त, प्रशसंक टेरिया और महफूज ए मुकदस या कभी कातिल बस समय का जज्बात है समय ही प्रबल है ।



There is darkness in light, there is pain in joy, and there are thorns on the rose.

Hindi Blog by JUGAL KISHORE SHARMA : 111928027

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