सुना है उसे ..........................



सुना है उसे शिकायत है मुझसे,

मुझे लगा उसे मोहब्बत है मुझसे,

वो दुनिया से कहता था कि मैं उसका आइना हूँ,

मुझे क्या ही पता था कि उसके लिए तो,

फक्त में ज़मीन पर पड़ा टूटा कांच हूँ ................................



अक्सर वो मुझसे मेरी शिकायत कर लेता था,

बस मेरी बारी आने पर नाराज़ हो जाता था,

दिल ने सोचा कि एक दफा मैं भी उससे कुछ गिला कर लूँ,

जब देखा उसका उदास चेहरा तो,

मैंनें कह दिया जा तुझे एक दफा और माफ कर दूँ ........................



वो जो कह - कह कर मेरी कमियां मुझे गिनाता था,

मैेंनें अपनी खामोशी से सब शून्य कर दिए,

शुरूआत तो उसने कि थी रूसवाई कि,

हमने उसका घरौंदा क्या छोड़ा,

हम बेवफा और वो दुनिया के लिए पाक - साफ हो गए ...........................



स्वरचित

राशी शर्मा.

Hindi Poem by rashi sharma : 111930192

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