किसी को मिल गई मंजिल
कोई दर बदर सफ़र में रहा
उम्र भर।
किसी को सब हो गया हासिल
कोई इस क़दर बदनसीब रहा
उम्र भर।
किसी ने ख्वाहिशों को खेल समझ रखा था।
कोई उन्हीं में बुदबुदाता रहा
उम्र भर।
किसी के पास है इतना फिर भी।
कोई उधार चुकाता रहा
उम्र भर।
किसी ने चाहा तो घूम लिया सारा जहां
कोई विचार बनाता रहा
उम्र भर।
किसी के पास तो है वक्त का अंबार लगा।
कोई दो घड़ी चुराता रहा
उम्र भर।
किसी ने मखमलों में जिंदगी गुजारी।
कोई सड़कों पे ही सो जाता रहा उम्र भर।
आनन्द।