मन की बात पढ़ कर यू अनदेखा कर देना.......
भी गलत होता है.......
किसी का दुख जान कर भी उस पर हस देना गलत होता है......
न जाने कब वो वक्त बदल देगा.......
कि तेरे आंसू भी किसी को दिखाई न देगे.......
जैसे तेरा कर्म तेरे आगे आ कर खड़े हो जाएगा........
फिर गलत भी होगा सही भी होगा बस तू न होगा.......