राह-ए-जुनून
ना थका हू में ना हारा हू बस लड़ना हैं अब मुजे
घायल कर दिया हैं भारत के सीने को धर्म के नाम पर जो
छली-छली कर देगें हम दुश्मन के सीने को
छोटे नहीं किसीको जो सामने आये वो रोएँ खून के आशु
कफन बाँध लिया है सर पर अब तो हों जाये लड़ना
आर या पार
वो फेंके जो एक चिंगारी,पूरा आग का गोला से वो भागे
दूर दूर तक नाम नहीं लेगा एक बार जो देखें योद्धा
ऐसा हैं वीर हमारा सैन्य बल दुश्मन हों जाये ढ़ेर वही
- Kamlesh Parmar