वो लड़की अंजानी सी,,,,,,,,,,,,,
वो लड़की बड़ी अनजानी सी,
ख़ामोशियों में भी कुछ कहानी सी।
नज़रों से कह दे हर इक बात,
पर लफ्ज़ों में रहे वो पानी सी।
हँसती है तो जैसे बहारें आएं,
चलती है तो खुशबू उड़ जाए।
बोलती कम है, पर असर गहरा,
दिल को छू जाए वो ठंडी हवा जैसी ठहरी।
हर रोज़ मिलती है, फिर भी नयी लगती है,
कुछ तो बात है, जो अलग सी लगती है।
दोस्ती हो या सिर्फ एक जानी-पहचानी सी,
वो लड़की अब भी है थोड़ी अनजानी सी।