आँखें तरसती हैं आपकी एक झलक के लिए, हर सुबह उम्मीद लेकर उठती हैं, कि शायद आज आप मिल जाएँ, लेकिन हर शाम बस एक तन्हा खामोशी दे जाती है।
आपकी यादें... वो भी अजीब हैं, कभी धूप में साया बन जाती हैं, तो कभी बारिश में भी आंसुओं का एहसास करवा जाती हैं।
जब बादल गरजते हैं, दिल में कोई भूली बात गूंज जाती है, और जब पहली बूँद ज़मीन को छूती है, जाती है आपकी यादों तो रूह तक भीग जाती है में।
lotus 🪷
मुझे नहीं पता आप याद करते हैं या नहीं, पर मेरी हर साँस में। में एक नाम गूंजता है आपका, और मेरी हर ख़ामोशी में एक सवाल होता है "क्या" आपको भी मेरी इतनी ही कमी महसूस होती है?'
आपकी यादें अब मौसम बन चुकी हैं, हर मौसम में बस आप ही आप बरसते हैं...
कभी बूँद बनकर, कभी सिसकी बनकर, कभी ख़्वाब बनकर, कभी अधूरी दुआ बनकर"