रोना अच्छा लगता है या यूं कहूं
अपनों के दिए तकलीफों को सहना अच्छा लगता है
खामोश हो जाना चाहती हूं मैं खुद में कही
खुद के खातिर अब जीना अच्छा लगता है.....
सो कर उठ जाए आंखों में पड़े ख्वाब
अब उन ख्वाबों को मिटाना अच्छा लगता है
कोई गैर न समझे तो अनोखा लगता है
कोई अपना समझने से मुकर जाए तो दिल बहुत रोता है
मिल कर बिछड़ना शायद किस्मत थी मेरी
अब तक़दीर को धुंधला कहना अच्छा लगता है.....
_Manshi K